3 अप्रैल तक जेल में ही रहेंगे सुब्रत रॉय सहारा


सहारा समूह ने आज सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह सुब्रत रॉय की जमानत के लिए दस हजार करोड़ रुपए देने में सक्षम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में आज सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय की जमानत के मसले पर सुनवाई के दौरान समूह द्वारा यह दलील दी गई। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को सशर्त जमानत दे दी थी। जिसके तहत सहारा समूह को अपने प्रमुख सुब्रत रॉय व फर्म के दो निदेशकों को अंतरिम जमानत पर छुड़वाने के लिए 10,000 करोड़ रुपए देने की शर्त रखी गई थी। बुधवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन व न्यायमूर्ति जेएस खेहर की पीठ ने कहा था कि अंतरिम जमानत तभी मिलेगी, जब कंपनी इन शर्तों को पूरा करेगी। पीठ ने कहा कि हम अवमानना करने वाले रॉय और दो निदेशकों को अंतरिम जमानत पर छोड़ने की अनुमति देना चाहते हैं, जो हमारे चार मार्च के आदेश पर निरुद्ध किये गये हैं। बशर्ते वे 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान करेंगे, जिसमें से 5,000 करोड़ रुपए की राशि अदालत के पास जमा करानी होगी। बाकी की राशि के लिए किसी राष्ट्रीयकृत बैंक की ओर से सेबी के पक्ष में बैंक गारंटी देनी होगी, जिसे अदालत के पास जमा कराना होगा। पीठ ने कहा कि इसका अनुपालन करने के साथ अवमाननाकर्ताओं को रिहा कर दिया जायेगा और जमा की गयी राशि सेबी को जारी कर दी जायेगी। इस बीच न्यायालय ने कंपनी के बैंक खातों से रोक हटाने की सहमति दी, ताकि वह पैसा जुटा सकें। पीठ ने कहा कि सहारा ग्रुप बैंक खातों का गुरुवार को ब्योरा प्रस्तुत करे, उसके बाद उस पर वह आदेश जारी करेगा।

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