चीन में दूसरा बच्‍चा पैदा करने को औपचारिक अनुमति मिली


चीन की शीर्ष विधायिका ने शनिवार को एक प्रस्ताव पारित कर उन युगलों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई है, जिनके माता-पिता की एक ही संतान है। नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनसीपी) की स्थायी समिति ने अपने द्विमासिक सत्र में परिवार नियोजन नीति में समायोजन और सुधार का प्रस्ताव पारित कर दिया। नई नीति के संज्ञान के लिए चीन में प्रस्ताव प्रांतीय कांग्रेस और उनकी स्थायी समितियों को सौंपा गया। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने 18वें सीपीसी सेंट्रल कमेटी के तीसरे पूर्ण अधिवेशन में ही एक संतान नीति को सरल करने का फैसला लिया था। इससे पहले चीन के स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन विभाग ने उन परिवारो को तीन गुना अधिक मुआवजा देने का फैसला किया, जिन्होने देश की (एकल संतान) नीतियों के कारण अपने एकमात्र बच्चे को किसी कारणवश खो दिया है। चीन ने अपनी बेकाबू होती जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए 1980 से ही एक संतान की नीति अपनाई थी। स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन विभाग के बयान के अनुसार इस नए कार्यक्रम के लागू होने के बाद शहर में रहने वाले उन दंपत्तियों को, जिन्होंने 49 वर्ष या उससे अधिक उम्र में अपनी इकलौती संतान को खोया है, उन्हें 340 युयान या 3470 रूपए, जबकि ग्रामीण क्षेत्रो में रहने वाले परिजनों को 170 युयान मिलेंगे। इससे पहले यह राशि 100 युआन थी। लाभान्वित को यह सुविधा चीन में एक संतान की नीति के लागू होने के बाद चीन में निसंतान दंपतियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। सरकारी आंकडों के अनुसार इस कार्यक्रम के बाद देश में चालीस करोड़ बच्चे कम पैदा हुए। चीन के पारंपरिक रीति रिवाजों के तहत बच्चों को माता पिता के बुढ़ापे का सहारा माना जाता है। माता पिता वृद्धावस्था में बच्चे नहीं होने के कारण तमाम सामाजिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करते है।

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