लालू से गठजोड़ पर राहुल गांधी बोले-कोई चारा ही नहीं था


कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी भले ही भ्रष्‍टाचार और राजनीति में दागी नेताओं की एंट्री के खिलाफ होने का दावा करें लेकिन सियासत की हकीकत ने उन्‍हें एहसास करा दिया है कि इनके बिना राजनीति करना आसान नहीं है. शायद यही वजह है कि राहुल ने अब यह कबूल कर लिया है कि चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काटने के बाद जमानत पर छूटे लालू यादव से हाथ मिलाने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं था. मुंबई में गुरुवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत में राहुल ने कहा कि बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए लालू की आरजेडी से गठबंधन को भ्रष्‍टाचार के प्रति उनके रुख में बदलाव के तौर पर देखा जा सकता है लेकिन उनके पास कोई विकल्‍प भी नहीं बचा था क्‍योंकि ऐसा नहीं होता तो कांग्रेस को कुछ सीटों का नुकसान हो जाता. यहां गौर करने वाली बात है कि ये वही राहुल गांधी हैं जिन्‍होंने दागी सांसदों से जुड़े केंद्र सरकार के अध्‍यादेश को बकवास करार देते हुए इसे फाड़कर फेंक देने की बात की थी. राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को सुनिश्चित कराने में अहम भूमिका निभाई जिससे तहत दोषी करार दिए गए सांसदों को चुनाव लड़ने से रोकने का प्रावधान है. यही वजह है कि रांची जेल से रिहा होने के बाद भी लालू अगले छह सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. राहुल गांधी ने आदर्श सोसाइटी घोटाले के मुद्दे पर महाराष्ट्र की पृथ्वीराज चव्‍हाण सरकार को भी फटकार लगाई थी. लेकिन, राहुल ने जब महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण के साथ मंच साझा तो बीजेपी ने कांग्रेस उपाध्‍यक्ष पर जोरदार निशाना साधा. इस घटना के बाद कांग्रेस भी राहुल के बचाव में खड़ी हो गई है. चव्हाण और कलमाड़ी को टिकट दिए जाने की संभावना के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रवक्‍ता संजय झा ने कहा कि चार्जशीट और एफआईआर का मतलब दोषी नहीं होता है. गौरतलब है कि चव्हाण आदर्श सोसायटी घोटाले और कलमाड़ी राष्ट्रमंडल खेलों के मामले में आरोपी हैं.

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