मौलाना बुखारी की जागीर नहीं हैं मुसलमान:शकील कुरैशी


इंडियन मुस्लिम कौंसिल ने दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना बुखारी को चेतावनी देते हुए कहा कि वह मुसलमानों को अपनी जागीर न समझें क्योंकि देश के मुसलमान अपने लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष समाजिक मूल्यों व देशहित के प्रति सजग हैं। इण्डियन मुस्लिम कौंसिल के प्रदेश अध्यक्ष मो. शकील कुरैशी और वरिष्ठ महासचिव शहजाद हुसैन कुरैशी ने शाही इमाम मौलाना सैय्यद अहमद बुखारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपने परिवार के सगे सम्बन्धियों की राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए एक बार फिर देश के मुसलमानों के बीच में भ्रम की स्थिति पैदा करने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के कब्रिस्तानों व जमीनों, वक्फजायदादों पर जिस तरह से बीएसपी सरकार के मंत्रियों व नेताओं ने कब्जा किया इस जुल्म को मुसलमान कैसे भूल जाएगा। दोनों नेताओं ने कहा कि कल तक मौलाना बुखारी मायावती को मुस्लिम विरोधी बता कर मुसलमानों से समाजवादी पार्टी को वोट देने की अपील कर रहे थे आज वही बुखारी मुलायम का विरोध कर के मायावती को मजबूत करने की बात कर रहे हैं। लेकिन सच्चाई तो यह है कि बुखारी जैसे लोग मुसलमानों के शैक्षिक, आर्थिक व समाजिक पिछड़ेपन पर हमेशा खामोश रहते हैं। लेकिन चुनावों के समय राजनैतिक दलों को ब्लेकमेल करने के लिए मुसलमानों की जज्बाती मसले को उछाल कर बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त की साजिश में लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल बुखारी और उनके जैसे अन्य स्वार्थी मुस्लिम नेतृत्व दलित और पिछड़े मुसलमानों के विरोधी हैं। उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि मुस्लिम विरोधी नीतियों और मौलाना बुखारी जैसे स्वार्थी लोगों से सावधान रहें। उन्होंने 15 मार्च को लक्ष्मण मेला मैदान में बुखारी के खिलाफ प्रदर्शन व पुतला जलाया जाने का एलान किया।

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