सूरज चाचा की गर्मीबाज़ी चालू है, लू-लप्पा से बचने के लिए ले लो! ठंडी-ठंडी सलाह

स्वास्थ्य विशेषज्ञ
स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डॉ. आशुतोष दुबे

“अगर दोपहर में बाहर निकलने का मन कर रहा है, तो समझ लीजिए आपकी आत्मा पकी हुई बैंगन में बदलने को तैयार है।”
डॉ. आशुतोष दुबे

जी हाँ, मई से पहले ही सूरज ने फुल फॉर्म में आकर बता दिया है कि इस बार गर्मी थोड़ी एक्स्ट्रा झुलसाने वाली है। लू ऐसी चलेगी कि टोस्टर भी शर्म से पसीने-पसीने हो जाए। पंखा चलेगा, फिर भी लगेगा कोई ड्रायर मुंह पर फूंक रहा है!

पंजाब से लेकर बंगाल तक और ओडिशा से लेकर अंधेरी गली तक, हर जगह गर्मी की गारंटी और लू की लहरें हैं। और ऐसे में, डॉ. दुबे की सलाह मानना आपकी सेहत के लिए वैसा ही है जैसे आम पना – कड़वा नहीं, पर काम का।

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गर्मीबाज़ी चालू है, लू-लप्पा ले लो! 

अगर बाहर निकलते ही आपको लगे कि सूरज ने आपको गले नहीं, सीधे जलाया है — तो समझिए लू चालू है।

डॉ. आशुतोष दुबे

देश में “लू-विधान” लागू!

पंजाब-हरियाणा से लेकर बंगाल-ओडिशा तक सूरज देवता ने चूल्हा ऑन कर दिया है। इस समय गर्मी इतनी तेज है कि पानी भी पसीना-पसीना हो रहा है।

डॉ. दुबे कहते हैं, “लू कोई आम हवा नहीं है, ये तो ‘प्रेशर कुकर’ से निकली सीटी है, जो आपको उबालने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

लू से बचने के टिप्स

1. कूल बनो, लेकिन बाहर मत निकलो

“जहां तक हो सके, खुद को फ्रिज की सब्ज़ी समझिए — बाहर निकले तो गल गए! गरम चीज़ों से दूरी बनाओ, ठंडा खाओ, ठंडा सोचो!”

2. पानी पियो, लेकिन फिल्टर वाला

“प्यास लगे तो कोल्ड ड्रिंक नहीं, नारियल पानी पियो,पुदीना पानी पियो , नींबू पानी, आम पना और दही से दोस्ती बढ़ाओ।”

3. छाता, गमछा साथ रखो, जैसे मां की दुआ

“छाता सिर्फ बारिश के लिए नहीं होता — लू की हवाओं से ये ‘आधुनिक कवच’ है। गर्मी में स्टाइल छोड़ो, गमछा ओढ़ो — यही ट्रेंड है!””

4. हल्के कपड़े, भारी अक्ल

“गर्मी में काले कपड़े पहनना मतलब खुद को BBQ बनने का न्यौता देना। हल्के, सूती कपड़े पहनें और आंखों को भी धूप से बचाएं।”

5. खाली पेट मत घूमो, वरना ‘गर्मी-ग्रहण’ लग जाएगा

“थोड़ा दही-चावल, थोड़ा आम पना — ये देसी एसी का काम करते हैं। दिन में 11 से 4 तक घर के अंदर ही जलवा रखो।”

6.धूप में निकले तो याद रखना – इंसान हो, ब्रेड स्लाइस नहीं

टोपी, गॉगल्स, छाता… ये लू-रोधी कवच हैं, फैशन नहीं।

7.गर्मी में लड़ाई मत करो, AC शेयर कर लो!

रिश्तों को भी ठंडा रखना ज़रूरी है — ये मौसम दिमाग और दिल दोनों को तपाता है।

“ओले भी गिरेंगे, पर पहले उबले जाएंगे”

डॉ. दुबे ने यह भी बताया कि “पहले तंदूरी बनेंगे, फिर थोड़ी बर्फ मिलेगी — यही भारत का अप्रैल स्पेशल मौसम है!”

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इस गर्मी में अगर आपका AC भी सिसकियाँ भरने लगे और कूलर खुद को डिहाइड्रेट मानने लगे — तो समझ जाइए, “भारत में मई आने से पहले ही जून-जुलाई वाला जलवा आ गया है!”

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