
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में आतंकियों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। बीते कुछ दिनों में 10 से अधिक आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया जा चुका है। इस कार्रवाई को लेकर अब राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है।
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महबूबा मुफ्ती ने सेना से की ‘संवेदनशीलता’ बरतने की अपील
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबा पोस्ट साझा किया।
उन्होंने कहा, “आतंकवादियों और निर्दोष नागरिकों के बीच स्पष्ट अंतर जरूरी है।”
उनका दावा है कि कार्रवाई के दौरान आम लोगों के घर भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय एकता को खतरा हो सकता है।
“गिरफ्तारियों और ध्वंस की खबरें चिंताजनक” – महबूबा
महबूबा ने लिखा, “कश्मीर में हजारों गिरफ्तारियां और घरों के विध्वंस की खबरें आ रही हैं। अगर इसमें आम नागरिक भी शामिल हैं, तो यह आतंकवादियों के एजेंडे को ही मजबूत करेगा।”
उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि सिर्फ आतंकियों को निशाना बनाया जाए, आम नागरिकों को नहीं।
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सेना का रुख सख्त, सरकार का संदेश स्पष्ट
हालांकि, पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद सरकार और सेना का रुख साफ है – आतंकियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। सुरक्षा एजेंसियां ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही हैं ताकि घाटी में भय का वातावरण खत्म किया जा सके।