पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ी, चीन-रूस से मांगी जांच में मदद, भारत ने दिखाई सख्ती

आलोक सिंह
आलोक सिंह

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत के बाद जहां भारत ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी, वहीं पाकिस्तानी नेतृत्व की बयानबाजी ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

भारत द्वारा सिंधु जल संधि स्थगित करने और कूटनीतिक संबंध सीमित करने के बाद पाकिस्तान बौखलाहट में चीन और रूस से अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग करने लगा है।

सिंधु जल संधि पर शंकराचार्य की टिप्पणी से असहमत नारायण राणे, कहा- ‘देश से बड़ा कोई नहीं’

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का विवादित बयान

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूसी समाचार एजेंसी RIA Novosti को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि इस हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच होनी चाहिए जिसमें चीन, रूस और पश्चिमी देशों की भागीदारी हो। उन्होंने यह तक कहा कि “जांच से पता चले कि भारत सच बोल रहा है या झूठ।”

इसी के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग दोहराई।

विरोधाभासी बयान और आलोचना

पाकिस्तान के वित्त मंत्री इसहाक डार ने एक और विवादित बयान में कहा कि हमलावर ‘स्वतंत्रता सेनानी’ हो सकते हैं। इस बयान की विश्व स्तर पर आलोचना हुई।
स्वतंत्र विश्लेषक एंड्रयू कोरिबको ने कहा कि “इस तरह निर्दोष पर्यटकों की हत्या को स्वतंत्रता संग्राम बताना वैश्विक आतंकवाद को वैध ठहराने जैसा है।” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तानी मंत्रियों के बयानों में स्पष्ट विरोधाभास है — एक ओर हमले को स्वीकार करते हैं, दूसरी ओर उसे “भारतीय झूठ” बता रहे हैं।

पहलगाम हमले के बाद कश्मीर पहुंचे अतुल कुलकर्णी, बोले – आतंक से नहीं, प्यार से जीतेंगे

भारत का सख्त रुख

हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कई कड़े फैसले लिए हैं:

  • सिंधु जल संधि को स्थगित किया गया।

  • पाकिस्तानी उच्चायुक्त को देश छोड़ने का आदेश दिया गया।

  • भारतीय सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया।

  • पाकिस्तान के विमानों के लिए भारत ने हवाई क्षेत्र प्रतिबंधित कर दिया।

भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी बेनकाब करने का अभियान तेज कर दिया है। UNSC, लंदन, और अन्य जगहों पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।

Related posts