हार्वर्ड बनाम ट्रंप: जब शिक्षा बनी ट्रंप के ‘टैरिफ़’ का शिकार, हुआ पलटवार

अमेरिका की दुनिया की मशहूर शिक्षण संस्था हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया है। वजह? ट्रंप सरकार ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के दाखिले पर रोक लगा दी है! लगता है अब ट्रंप प्रशासन भी समझ गया कि पढ़ाई भी अब कोई “फ्री-फॉर-ऑल” नहीं रह गई है। बिहार चुनाव से पहिले नीतीश मोदी से भेंट, बढ़ी सियासी गरमाहट! गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम ने अपनी ‘सच्चाई’ एक्स पर ट्वीट किया कि प्रशासन ने हार्वर्ड के अंतरराष्ट्रीय छात्र दाखिला कार्यक्रम को “कानून का पालन न करने” के कारण…

Read More

बिहार चुनाव से पहिले नीतीश मोदी से भेंट, बढ़ी सियासी गरमाहट!

बिहार में 2025 के चुनाव के तैयारियाँ जोर-शोर से चल रहल बा। हर पार्टी अपना-अपना रणनीति बनावत बा, कुछ पार्टी महिलन के मुद्दा पर ध्यान दे रहल बा त कुछ युवा वर्ग के। एह बीच खबर आईल बा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 24 मई के दिल्ली खातिर रवाना हो जइहें। उहंवा 25 मई के NDA कॉन्क्लेव में हिस्सा लीहें, जहंवा उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होई। बिहार चुनाव से पहिले ई मुलाकात बहुत महत्व के बा। एकरा बाद पीएम मोदी भी दू दिन खातिर बिहार के दौरा…

Read More

‘नामजवादियों’ की DNA रिपोर्ट से गरमाई सियासत, ब्रजेश पाठक को मिला पोस्टर प्रेम

राजनीति अब भाषणों से नहीं, पोस्टरों से होती है। और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ इसकी प्रयोगशाला बन चुकी है। ताज़ा मामला यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और समाजवादी पार्टी के बीच छिड़े पोस्टर वॉर का है, जिसमें अब “नामजवादी DNA रिपोर्ट” ने भी एंट्री ले ली है। ‘जेजे’ टिप्पणी पर सियासत: राहुल गांधी ने जयशंकर पर फिर दागे तीन सवाल नामजवादी DNA रिपोर्ट: अब पोस्टर बताएगा नीयत! नागरिक सुरक्षा परिषद (जो शायद ट्विटर स्पेस पर एक्टिव ज़्यादा है, जमीन पर कम) की ओर से लखनऊ के विभिन्न चौराहों…

Read More

ट्रंप को लेकर भारत में ‘रेड कारपेट’ सपनों का सच: एक मज़ाक!

जब से अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर वापसी की चर्चा शुरू हुई, भारत में कुछ लोगों ने सोचा था कि जैसे ही ट्रंप आएंगे, भारत के लिए रेड कारपेट बिछ जाएगा। मगर अब, ये सपने सिर्फ हवा में उड़ते गुब्बारे साबित हो रहे हैं, और वे खुद राजनीतिक सर्कस के सितारे बन चुके हैं। मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की अटकलें तेज़, बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा भूचाल? “ट्रंप की वापसी = भारत की VIP लिस्ट में पहला नाम!” — ये कहावत अब फिजूल की लगती है। सपने…

Read More

मितरों सावधान! जिंदगीभर की कमाई, और अंत में…? सरकार के नाम!

आपने पूरी ज़िंदगी खून-पसीना बहाकर जो ज़मीन-जायदाद बनाई — वो एक “कानूनी चूक” की वजह से सरकार की हो जाए, ये कभी सोचा है? चौंकिए मत, ये भारत है साहब! यहां अगर आपने वसीयत (Will) नहीं बनाई, और आपके निधन के बाद कोई वैध वारिस नहीं मिला, तो आपकी प्रॉपर्टी “जय हो सरकार” के नाम हो सकती है। सत्यपाल मलिक पर CBI की कार्रवाई: हाइड्रो प्रोजेक्ट में चार्जशीट दाखिल वसीयत नहीं? तो कानूनी सिरदर्द तय है! भारत में हर साल हजारों केस सामने आते हैं, जहां परिवार के मुखिया का…

Read More

चुनौती बन गई एक नज़्म: क्यों ‘हम देखेंगे’ से हिल जाती हैं हुकूमतें?

“हम देखेंगे” — यह सिर्फ़ एक पंक्ति नहीं, एक संकल्प है। फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की यह नज़्म उन लफ़्ज़ों का संगम है जो सत्ता के अन्याय, शोषण और तानाशाही के ख़िलाफ़ आम आदमी की उम्मीद और संघर्ष को आवाज़ देती है। इंग्लैंड में कितनी दहाड़ेगी युवा टीम इंडिया? मौसम, पिच और विरोधी होंगे असली परीक्षा! क्यों डरती हैं हुकूमतें इस नज़्म से? क्योंकि यह कविता सीधे-सीधे ज़ुल्म के ढांचे पर वार करती है। इसमें कोह-ए-गिराँ जैसे प्रतीक हैं जो जुल्म को पहाड़ जैसा ठोस बताते हैं, और फिर कहते हैं…

Read More

शराब के लिए लाखों, पंडित के लिए सौ भी भारी! शादी में दक्षिणा पर आता है करंट

भारतीय शादियों में सबकुछ होता है — नगाड़े, डांस, नोटों की बारिश, ब्राइडल एंट्री पर कोहरा और बारात में “लॉन्ड्री वाला लहंगा” पहनकर नागिन डांस करते मामा-मौसा। लेकिन जैसे ही विवाह के केंद्रबिंदु पंडित जी की दक्षिणा का वक्त आता है, परिवार के चेहरे पर ऐसी संजीदगी आ जाती है जैसे यूपीएससी का इंटरव्यू चल रहा हो। सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट में 48 घंटे में दो घुसपैठ! शराब के लिए ओपन बार, पंडित जी के लिए 501 का लिफाफा! बारात में जैसे ही भांगड़ा शुरू होता है, 750ml के…

Read More

इजराइल से क्यों चिढ़ते हैं खाड़ी देश? अमेरिका का लाडला कैसे बना ताकतवर खिलाड़ी!

इजराइल— एक ऐसा देश जो दुनिया के नक्शे पर जितना छोटा है, अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उसका उतना ही बड़ा प्रभाव है। खासकर खाड़ी देशों के लिए, यह नाम न सिर्फ कूटनीतिक तनाव का प्रतीक है, बल्कि एक ऐतिहासिक संघर्ष की निरंतरता भी है। पर सवाल है — खाड़ी देशों को इजराइल से इतनी चिढ़ क्यों है? और अमेरिका इसके साथ क्यों खड़ा रहता है? वॉशिंगटन में दो इसराइली राजनयिकों की हत्या, भारत ने जताया सख़्त विरोध 1. अरब-इजराइल युद्धों की विरासत: शुरुआत कहां से हुई? 1948 में इजराइल की स्थापना…

Read More

राजनीति की असली फिल्म: नेता गुप्त दोस्त, समर्थक खुले दुश्मन!

भारतीय राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता – ना दोस्ती, ना दुश्मनी। और सबसे दिलचस्प बात? मंच पर दुश्मनी और मंच के पीछे “दुश्मन मेरा यार है” वाली फीलिंग। राजनीतिक नेताओं की वही दुनिया है जहां कैमरे के सामने तलवारें खींची जाती हैं, और कैमरे के पीछे बटर चिकन और गरम चाय शेयर की जाती है। UPPSC RO ARO 2025: जानिए पूरा सिलेबस, परीक्षा पैटर्न और Mock Test एक क्लिक में! कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव: भिड़ंत या भाईचारा? उत्तर प्रदेश की राजनीति में कल्याण सिंह और मुलायम…

Read More

पाकिस्तान की सेना: वर्दीधारी साहूकार के पास 40 अरब डॉलर से भी ज़्यादा साम्राज्य

पाकिस्तान की सेना सिर्फ एक सैन्य ताकत नहीं, बल्कि देश की सबसे बड़ी कारोबारी संस्था बन चुकी है। जितना उसका प्रभाव सीमा पर है, उतना ही असर वो देश की आर्थिक धमनियों पर भी रखती है। “मिलिट्री + बिज़नेस = मिलिट्रोनॉमी”, यह शब्द आज पाकिस्तान में सेना की हकीकत को बखूबी बयां करता है। सिंधु पर युद्ध: पानी पर भारत के फैसले से पाकिस्तान में कोहराम! कारोबार के हर कोने में सेना तेल, गैस, सीमेंट, रियल एस्टेट, कृषि, सिक्योरिटी, शॉपिंग मॉल, खाद-कारखाने – ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा जहां पाकिस्तानी…

Read More