
2024 का भारत… जहाँ नेता संसद से ज़्यादा ट्विटर पर एक्टिव हैं और रिसर्च की जगह रीट्वीट पर भरोसा करते हैं। हालिया घटना में बीजेपी के कर्मठ सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर एक “हानिया आमिर” नामक अकाउंट को असली समझ लिया, जिसमें पाकिस्तानी आर्मी पर पहलगाम हमले की ठीकरा फोड़ा गया था। सांसद जी की देशभक्ति की गाड़ी इतनी तेज़ दौड़ी कि ब्रेक लगाना भूल गए—क्योंकि वो ट्वीट था एक पैरोडी अकाउंट से!
“डर्टी गेम” की कबूलियत: पाकिस्तान ने खुद माना, आतंकवाद पालने में रहा है ‘प्रॉक्सी मास्टर’
परदे के पीछे की कहानी:
जिस अकाउंट से ट्वीट किया गया, उसमें साफ़-साफ़ लिखा था:
“This is a parody account. Not Hania’s official ID. Just commentary.”
लेकिन देश की सुरक्षा से बड़ा है क्या? सांसद जी ने तुरंत ट्वीट को पकड़कर लिखा:
“पाकिस्तानी अभिनेत्री हानिया आमिर भी मानती हैं कि हमला जनरल आसिम मुनीर ने करवाया…”
रियलिटी vs रिएक्शन:
हकीकत: पैरोडी अकाउंट था।
रिएक्शन: सांसद जी का कांग्रेसी नेताओं पर हमला।
क्लाइमेक्स: “बेसब्र नहीं होइए” जैसी उर्दू में लिपटी चेतावनी, जो सुनकर पाकिस्तानी ISI भी सोच में पड़ गई होगी।
जहाँ पाकिस्तान अपने ‘डर्टी गेम’ की कबूलनामों में उलझा है, वहीं भारत के कुछ नेता पैरोडी अकाउंट से प्रेरित होकर “ट्विटर स्ट्राइक” करते दिख रहे हैं। सवाल ये नहीं कि ट्वीट किसने किया, सवाल ये है कि किसने पढ़ा, बिना देखे RT क्यों किया?
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