केंद्रीय बजट: सेना की आधुनिकीकरण सात लाख करोड़ मंजूर  

नई दिल्ली। भारत ने चीन और पाकिस्तान से सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर सेना के आधुनिकीकरण पर जोर देने के वीच शनिवार को 2025-26 के लिए रक्षा परिव्यय के रूप में 6,81,210 करोड़ रुपये निर्धारित किए। यह चालू वित्त वर्ष के लिए आवंटित राशि 6.22 लाख करोड़ रुपये से 9.53 प्रतिशत अधिक है। कुल आवंटन में से 1.80 लाख करोड़ रुपये सशस्त्र बलों के पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किए गए है, जिसमें वड़े पैमाने पर नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य उपकरणों की खरीद शामिल है।

रक्षा मंत्रालय ने कहा, कुल रक्षा वजट 6.81 लाख करोड़ रुपये का है जो चालू वित्त वर्ष के परिव्यय से 9.53 प्रतिशत अधिक है। इसने पूंजीगत व्यय के बारे में कहा, 1,48,722.80 करोड़ रुपये नए सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए ‘आधुनिकीकरण वजट’ पर खर्च करने की योजना है और शेष 31,277 करोड़ रुपये अनुसंधान एवं विकास तथा ढांचागत परिसंपत्तियों के निर्माण पर खर्च के लिए है। इसमें कहा गया है कि आधुनिकीकरण वजट का 75 प्रतिशत यानी 1,11,544 करोड़ रुपये घरेलू स्रोतों से खरीद के लिए निर्धारित किए गए है। घरेलू हिस्से का 25 प्रतिशत यानी 27,886 करोड़ रुपये घरेलू निजी उद्योगों के माध्यम से खरीद के लिए आवंटित किया गया है।

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कुल आवंटन में से 1.80 लाख करोड़ रुपये सशस्त्र बलों के पूंजीगत व्यय के लिए प्रावधान किया गया है। वर्ष 2024-25 में पूंजी परिव्यय 1.72 लाख करोड़ रुपये था और संशोधित अनुमान के अनुसार यह राशि 1,59,500 करोड़ रुपये है, जो बताता है कि लगभग 13,500 करोड़ की राशि अभी तक खर्च नहीं की गई है। अगले वित्त वर्ष के लिए दैनिक कामकाज और वेतन संबंधी राजस्व व्यय 4,88,822 करोड़ रुपये आंका गया है, जिसमें पेंशन के लिए 1,60,795 करोड़ शामिल हैं। वर्ष 2025-26 में रक्षा वजट के लिए आवंटन अनुमानित जीडीपी का 1.91 प्रतिशत होने का अनुमान है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिह ने रक्षा वजट के लिए समग्र आवंटन का स्वागत करते हुए कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के दृष्टिकोण को बड़ा वढावा मिला है। उन्होंने कहा, रक्षा वलों के लिए 1,80,000 करोड़ का पूंजीगत परिव्यय हमारे रक्षा वलों के आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी उन्नयन एवं क्षमताओं में और मदद करेगा।

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यह वजट सुरक्षा को और मजबूत करेगा तथा देश की समृद्धि सुनिश्चित करेगा एवं विकसित भारत के सपने को साकार करने में एक बड़ी छलांग’ लगाएगा। पूंजीगत व्यय के तहत विमान और वैमानिकी इंजनों के लिए 48,614 करोड़ रुपये अलग रखे गए है जवकि नौसेना वेड़े के लिए 24,390 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। अन्य उपकरणों के लिए 63,099 करोड़ की राशि रखी गई है।

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