
2017 में जब योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, तब पूरे राज्य के साथ-साथ गोरखपुर की किस्मत भी करवट लेने लगी। संतों की इस नगरी को अब लोग “पूर्वांचल का सिंगापुर” कहने लगे हैं। योगी आदित्यनाथ की सीधी निगरानी और राजनीतिक इच्छा-शक्ति ने गोरखपुर को विकास की रफ्तार पर दौड़ाया है।
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गोरखपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर का बूम
AIIMS गोरखपुर:
2019 में शुरू हुआ AIIMS गोरखपुर, अब सिर्फ गोरखपुर ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल, नेपाल और बिहार के मरीजों के लिए भी वरदान साबित हो रहा है। ये योगी सरकार की डायरेक्ट मॉनिटरिंग का नतीजा है।
फर्टिलाइजर प्लांट का पुनरुद्धार
जो उर्वरक संयंत्र 1990 के दशक से बंद पड़ा था, उसे योगी सरकार ने न सिर्फ दोबारा चालू किया, बल्कि 2021 में प्रधानमंत्री द्वारा इसे जनता को समर्पित भी किया गया।
ग्लोबल स्टैंडर्ड रोड्स
गोरखपुर में बन चुकी हैं:
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6-लेन रिंग रोड
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गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे मुख्य विवरण अनुमानित निर्माण लागत 5876.67 करोड़ रुपये है, और यह 1,095 हेक्टेयर (2,710 एकड़ भूमि पर बनाया गया है।
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स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम की शुरुआत
रोजगार और निवेश की बहार
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की नींव
गोरखपुर को अब उत्तर भारत का इंडस्ट्रियल हब बनाने की योजना पर काम हो रहा है। MSME सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड प्रोसेसिंग और फार्मा यूनिट्स आ रहे हैं।
आईटी पार्क और स्टार्टअप हब
युवा अब बेंगलुरु नहीं भाग रहे – गोरखपुर में ही IT पार्क और स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर की सुविधा मिलने लगी है।
पर्यटन और सांस्कृतिक पुनर्जागरण
रामगढ़ ताल: अब बोटिंग से लेकर जेट स्कीइंग तक
कभी उपेक्षित रहा रामगढ़ ताल अब लेज़र शो, बोट क्लब और वॉटर स्पोर्ट्स के साथ पूरी तरह से टूरिस्ट हॉटस्पॉट बन चुका है।
गोरखनाथ मंदिर: आध्यात्मिकता और एडमिन का संगम
गोरखनाथ मंदिर सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं, अब सांस्कृतिक और सामाजिक परिवर्तन का केंद्र भी बन चुका है।
कानून-व्यवस्था: अपराधियों की ‘यात्रा’ अब जेल तक
योगी के “माफिया मुक्त यूपी” अभियान का असर गोरखपुर में साफ नजर आता है। क्राइम रेट में भारी गिरावट आई है और “अब अपराधी अपराध करने से पहले सोचते हैं” – ये जनता की ज़ुबान पर है।
गोरखपुर की विकास गाथा – CM से CM सिटी तक
योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर को ‘शहर से स्मार्ट सिटी’, ‘बस्ती से बिज़नेस हब’ और ‘मंदिर से मेगा सिटी’ में बदलने की नींव रखी है। जहाँ पहले सिर्फ रेलवे स्टेशन मशहूर था, आज गोरखपुर की पहचान AIIMS, एक्सप्रेसवे, स्मार्ट सिटी मिशन और सांस्कृतिक विरासत के रूप में हो रही है।
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