
भारत में हर साल मई-जून के बीच नौ दिनों की एक विशेष गर्म अवधि होती है, जिसे “नौ तपा” कहा जाता है। इस दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर पड़ती हैं और तापमान चरम पर पहुंच जाता है। यह समय शरीर के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। डॉक्टर आशुतोष दुबे का कहना है कि यदि सही सावधानियां बरती जाएं तो इस गर्मी से सुरक्षित रहा जा सकता है।
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क्या होता है नौ तपा?
“नौ तपा” का अर्थ है – नौ दिन की तपन। यह ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है और आमतौर पर 25 मई से 2 जून तक रहता है। इस दौरान गर्म हवाएं (लू) और तापमान 45°C तक पहुंच सकता है।
डॉ. आशुतोष दुबे की 7 जरूरी सलाह:
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पानी की मात्रा बढ़ाएं:
“दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं। शरीर में डिहाइड्रेशन की संभावना बहुत ज्यादा होती है।” -
खट्टे फल और नींबू पानी लें:
“विटामिन C से भरपूर चीज़ें जैसे नींबू, संतरा, आम का पना शरीर को ठंडा रखते हैं।” -
धूप में बाहर न निकलें:
“सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक सूरज की रोशनी में बाहर निकलने से बचें। अगर ज़रूरी हो तो छाता, टोपी और सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।” -
हल्का और आसानी से पचने वाला खाना खाएं:
“तला-भुना और मसालेदार खाना शरीर को और गर्म करता है। हरी सब्ज़ियां और दालें बेहतर विकल्प हैं।” -
बच्चे और बुजुर्ग विशेष ध्यान रखें:
“इन वर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। उन्हें बार-बार पानी पिलाएं और ठंडी जगह पर रखें।” -
AC और कूलर का संतुलन:
“बहुत ज्यादा ठंडी जगह से एकदम गर्म वातावरण में न जाएं, इससे शारीरिक संतुलन बिगड़ता है।” -
नारियल पानी और छाछ लें:
“ये दोनों प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स हैं, जो शरीर की गर्मी को शांत करते हैं।”
लक्षण जो संकेत देते हैं कि आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए:
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लगातार सिर दर्द
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चक्कर आना
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अत्यधिक पसीना या बिल्कुल न पसीना आना
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त्वचा पर लाल चकत्ते
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उल्टी या बेचैनी का एहसास
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