
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य तैयारियां तेज़ कर दी गई हैं। हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद देशभर में आक्रोश है। इस हमले के बाद भारत की थल, वायु और नौसेना पूरी तरह सतर्क हो चुकी हैं। भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र में युद्ध अभ्यास और निगरानी को व्यापक रूप से बढ़ा दिया है।
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INS विक्रांत की तैनाती: एक रणनीतिक संकेत
भारतीय नौसेना ने स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत को अरब सागर में तैनात कर दिया है। यह तैनाती सीधे तौर पर पाकिस्तान को सख्त संकेत माना जा रहा है। नौसेना ने ‘एक्स’ पर कहा:
“एकता में शक्ति, उद्देश्यपूर्ण उपस्थिति।”
#MissionReady #AnytimeAnywhereAnyhow
यह संदेश इस बात का संकेत है कि भारत किसी भी मोर्चे पर जवाब देने के लिए तैयार है।
भारतीय नौसेना की सक्रियता:
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अरब सागर में जहाज-रोधी और विमान-रोधी फायरिंग अभ्यास।
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गुजरात तट और समुद्री सीमा पर निगरानी बढ़ाई गई।
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तटरक्षक जहाज अग्रिम क्षेत्रों में तैनात।
रक्षा विभाग के अनुसार, नौसेना ने अपने सभी युद्धपोतों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
पहलगाम हमला: अब तक की सबसे बड़ी आतंकी घटना
22 अप्रैल को पहलगाम के पास ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहलाने वाले इलाके में आतंकियों ने हमला किया, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। यह हमले की तीव्रता और स्थान की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
तीनों सेनाएं अलर्ट मोड पर
भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से आतंकवाद के खिलाफ मोर्चा खोलने के संकेत दिए हैं। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, यह तैयारी किसी भी सीमा पार कार्रवाई या आंतरिक सुरक्षा ऑपरेशन के लिए आधार तैयार कर रही है।
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