ई मस्कवा तो मुम्बईया मराठी मा झगड़ा कराय दिहिस रे ददा

मुंबई मा एक दिन एलन मस्क की टेस्ला आ गई, अउर ओकरा बोनट पै हिंदी मा चमक रहिन – “स्वागत है!”अब का बताई ददा, मुम्बई म हिंदी मा लिख देब त उ तो सीधा-सीधा मराठी अस्मिता मा सेंध मारन जइसे होइ गओ। राज ठाकरे जी बोले – “का समझे ई मस्कवा? मुम्बई हिंदी बोले के ठिकाना है का?” ‘मदर इंडिया’ – मां भी, मसीहा भी और मेकअप में खेत जोतती महिला भी! भाषा का बम: हिंदी बनाम मराठी जइसेहि बोर्ड देखा गओ, मनसे के कार्यकर्ता गुस्से मा टेस्ला के शोरूम…

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ठाकरे वापसी: बीजेपी को मात देने या मराठी अस्मिता के नाम पर नई नौटंकी?

करीब दो दशक तक राजनीतिक अलगाव और शब्दों की तलवार चलाने के बाद, राज और उद्धव ठाकरे एक मंच पर आए। बाल ठाकरे की विरासत, जिसे दो हिस्सों में बंटते हुए महाराष्ट्र ने देखा, अब फिर से जोड़ने की कोशिश हो रही है। लेकिन क्या यह सचमुच पारिवारिक पुनर्मिलन है या राजनीति का नया स्टंट? पंत के बल्ले से निकला रिकॉर्ड… लॉर्ड्स में छक्कों की बारिश- राज ठाकरे बोले – “जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया।”वाह! क्या डायलॉग मारा है… मतलब फडणवीस भाई ने ऐसा…

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“पलटी बहादुर बनाम विचारधारा”: उद्धव के MLA- BJP के Google Meet में?

महाराष्ट्र में एक बार फिर सत्ता के गलियारों से ज्यादा हलचल ‘संपर्क सूत्रों’ में दिख रही है। भाजपा नेता गिरीश महाजन का कहना है कि उद्धव ठाकरे के खुद के विधायक और सांसद अब “Hi” कहने लगे हैं — मगर बीजेपी को। महाजन ने दावा किया कि इन माननीयों को अब उद्धव के “नेतृत्व” से ज़्यादा भरोसा Google Meet लिंक पर है। “वैष्णो ढाबा हो, तो मटन न हो!” नेमप्लेट शुद्धि मिशन में जुटे मंत्रीजी “पलटी बहादुर: बायोग्राफ़ी विदाउट फिल्टर” महाजन ने उद्धव ठाकरे को सीधा-सीधा “पलटी बहादुर” कहकर अगले…

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ठाकरे मिलन या सत्ता वियोग?” — फडणवीस बोले: ये रैली नहीं, रुदाली थी

मुंबई की सड़कों पर जैसे ही “विजय रैली” की आवाज गूंजी, लोगों ने सोचा शायद ये मराठी अस्मिता का उत्सव होगा। लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत ही रैली को एक नया नाम दे दिया — “रुदाली सभा”। राबड़ी आईं, NDA पर चोट बाज़ी; लालू लौटल अध्यक्ष, रहीं राजनीति में तूफानी! फडणवीस का सटायरिक हमला फडणवीस ने कहा, “मैं राज ठाकरे को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने दोनों भाइयों को एक कर दिया — जो काम बालासाहेब ठाकरे नहीं कर सके, वो कर दिखाया!” मगर साथ ही तंज कसते हुए…

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20 साल बाद ठाकरे बंधु साथ: राजनीति, मराठी और हिंदी पर गरमाई सियासत

दो दशकों से अलग-अलग राजनीतिक खेमों में तलवारें लहराते उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे आखिरकार एक मंच पर साथ आ गए। संजय राउत ने इसे “महाराष्ट्र का त्योहार” बताया और राज ठाकरे ने फडणवीस को “मैचमेकर” तक कह डाला। यूपी के गन्ना किसानों का 4000 करोड़ बकाया, सरकार की वादाखिलाफी इतिहास साक्षी है कि जब ठाकरे बंधु एक साथ आए हों, तो राजनीति में जरूर कोई मसालेदार मोड़ आता है—और इस बार वजह बनी हिंदी भाषा। संजय राउत बोले: “दिल है कि मानता नहीं” संजय राउत ने कहा, “हम सब…

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हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं! – राज ठाकरे का ताजा हमला

हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने पहली से पांचवीं कक्षा तक हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने का फैसला लिया, जिससे राज्य की सियासी फिजा में हलचल मच गई है। पहले सरकार ने इसे अनिवार्य बताया, लेकिन बाद में आदेश में संशोधन कर इसे वैकल्पिक भाषा बना दिया गया। गुस्ताखी माफ़-मोदी जी क्रोएशिया में! विदेश नीति या यूरोप यात्रा व्लॉग? कांग्रेस और MNS दोनों मैदान में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठी अस्मिता से खिलवाड़ का आरोप लगाया। वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे…

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ठाकरे ब्रदर्स के बीच पटरी बिछे इससे पहले, फडणवीस ने चाय मंगा ली

मुंबई के एक आलीशान होटल में अचानक सीएम देवेंद्र फडणवीस और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे की मुलाकात हुई। होटल वालों को लगा VIP लोग चाय पीने आए हैं, लेकिन राजनीति के जानकारों को लगा ‘चाय में कुछ काला है’। रायबरेली में मंत्री बोले – ‘सिंदूर ना देखल, त ऑपरेशन सिंदूर पे काहे बोले?’” मीटिंग में क्या बात हुई? कोई नहीं जानता, लेकिन सबको अंदाज़ा है! सूत्रों के अनुसार इस “गुप्त नहीं, लेकिन सार्वजनिक रूप से गुप्त” मुलाकात में शामिल थे: मोहित कंबोज (बीजेपी के चाणक्य-समान युवा) बाला नांदगांवकर और अन्य…

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स्ट्रॉबेरी, हल्दी और बांस के बाद शिंदे बो रहे एवोकाडो ‘हरियाली मिशन’ में छुपा है क्या ?

महाराष्ट्र की राजनीति में जहां एक तरफ राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के मिलन की सुगबुगाहट है, वहीं दूसरी ओर एकनाथ शिंदे सीधे गांव की मिट्टी में उतरकर “पौधारोपण की राजनीति” कर रहे हैं। हाँ जी, डिप्टी सीएम साहब खुद फावड़ा-कुदाल उठाकर खेत में एवोकाडो उगा रहे हैं। क्योंकि जब दिल्ली में राज चलाना भारी लगे, तो सतारा की मिट्टी ही सच्चा आराम देती है! You may also like: “जब हर दिन शादी लगे अदालत, और बीवी बोले – आपत्ति है! तब काम आएगी हमारी सलाह एवोकाडो: फल नहीं, ‘फ्यूचर पॉलिसी’…

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उद्धव और राज ठाकरे: राजनीति का ‘ड्रामा’ अब और मजेदार हो सकता है!

महाराष्ट्र की राजनीति में जहां हर रोज़ नए मोड़ आते हैं, वहीं राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की कहानी एक ऐसी पेंच है, जो कभी खत्म ही नहीं होती। इन दोनों के बीच का “प्यार-तकरार” तो एक लंबे समय से दर्शकों का मनोरंजन करता आ रहा है। अब राज ठाकरे ने संकेत दिया है कि वह और उद्धव ठाकरे एक बार फिर साथ आ सकते हैं। सुनकर अच्छा लगा ना? बिल्कुल वैसा ही, जैसा हर रोमांटिक फिल्म में होता है — जहां दो “मनमुटाव” के बाद, अंत में दोनों एक…

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