लखनऊ । लखनऊ व गौतमबुद्ध नगर समेत प्रदेश में तीन लाख लोगों के लिए अपने घर का सपना पूरा होगा। इसके लिए विभिन्न रियल एस्टेट कपंनियों ने उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने वीते वर्ष 259 परियोजनाओं का पंजीकरण कराया है। इसमें सवसे अधिक लखनऊ में 61 और गौतमबुद्ध नगर में 51 परियोजनाओं का पंजीकरण हुआ है। लखनऊ में 61 परियोजनाओं के लिए पंजीकरण हआ है। इन परियोजनाओं में 54 हजार घरों का निर्माण होगा, इसके सापेक्ष गौतमवुद्ध नगर में पंजीकृत हुई 51 परियोजना में करीव एक लाख दस हजार घरों का निर्माण होगा।इन परियोजनाओं में लगभग 2 लाख 70 हजार से अधिक परिवारों को घर मिल सकेंगे।
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रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी का कहना है कि 2024 में प्रदेश में कुल 259 रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण कराया गया है।
लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा । इन परियोजनाओं के लिए पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने से पहले रेरा ने उनकी गहनता से छानवीन भी की है। इससे घर खरीदारों के लिए जोखिम नहीं होगा । लखनऊ की परियोजनाओं की लागत 6140 करोड़ रुपये और भूमि का क्षेत्रफल लगभग दस लाख वर्गमीटर है। जबकि गौतमबुद्धनगर के परियोजनाओं की लागत लगभग 21 हजार करोड़ रुपये क्षेत्रफल लगभग साढ़े तेरह लाख वर्गमीटर है। गौतमबुद्धनगर में वहुमंजिला इमारतों की ऊंचाई अँधिक होने से मध्य तथा उच्च वर्ग के उपभोक्ताओं की घर की मांग पूरी हो सकेगी।
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लखनऊ और गौतमवद्धनगर के अलावा तीसरे नंबर पर गाजियावाद में सबसे अधिक परियोजना पंजीकृत हुई है । रेरा अध्यक्ष का कहना है कि प्रदेश में ढांचागत सुविधाओं के विकास से रियल एस्टेट सेक्टर में वृद्धि हो रही है। बड़े शहरों और नोएडा, गाजियावाद के अलावा दूसरे शहरों में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं व अन्य आधारभूत सविधाओं के विकास से मझोले और छोटे शहरों में भी घर खरीदारों की रूचि वढ़ रही है। नोएडा, गाजियावाद में दिल्ली या आस-पास के क्षेत्रों में निवेश की वजह से अधिक दाम वाले घरों की मांग अधिक है । प्रदेश के अन्य हिस्से में मध्य व निम्न वर्ग के लिए घरों की मांग अधिक है। रेरा के प्रयासों और निगरानी से परियोजना समय से पूरी होने के साथ उपभोक्ताओं का विश्वास वढ़ा हुआ है।