भारत में मां दुर्गा को पूजने के दो तरीके हैं — एक व्रत से, दूसरा वर्जन से। जी हां! बात हो रही है नवरात्र और दुर्गा पूजा की — एक ही देवी, पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग ट्रीटमेंट। आप सोच रहे होंगे, “मां तो एक ही हैं, फिर पूजा का स्टाइल क्यों बदला-बदला सा है?”तो चलिए, इस दोगुनी भक्ति और दोहरी मस्ती के पीछे का रहस्य खोलते हैं… नवरात्र: नौ रातों की साधना और सादगी का संगम शुरुआत: 22 सितंबर 2025 समापन: 1 अक्टूबर 2025 (बुधवार) जगह: उत्तर भारत, गुजरात,…
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मां कात्यायनी के पास है शादी Fix करने का divine तरीका
27 सितंबर को षष्ठी तिथि की शुरुआत के साथ ही नवरात्रि के छठे दिन का शुभ आगाज हो जाएगा। 28 सितंबर 2025 को मां कात्यायनी की विधिवत पूजा की जाएगी — यानी वही देवी जिनकी कृपा से शादी में देरी की घड़ी हो जाती है जल्दी वाली ट्रेन! मां कात्यायनी कौन हैं? ऋषि कात्यायन की तपस्या से जन्मी देवी को कात्यायनी कहा जाता है। ये मां दुर्गा का छठा स्वरूप हैं और इनकी पूजा से भय, रोग और विवाह संबंधित बाधाएं दूर होती हैं। पूर्वांचल के कई हिस्सों (UP, बिहार,…
Read More2 से 10 साल की देवी! मिस मत करना वरना पुण्य Miss हो जाएगा!
22 सितंबर 2025 से शुरू हो चुके Shardiya Navratri का उत्सव अब अंतिम चरण में पहुंच रहा है, और भक्तों की नजरें टिकी हैं — अष्टमी (30 सितंबर) और नवमी (1 अक्टूबर) पर। क्यों? क्योंकि यही वो दिन है जब घर-घर होती है कन्या पूजन की divine दावत! लेकिन…क्या आपने कभी सोचा कि जिस कन्या को आप देवी मानकर भोजन करा रहे हैं, उसकी उम्र मायने रखती है? जी हां! 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को देवी के 9 रूपों का प्रतीक माना जाता है। आइए आपको बताते हैं…
Read MoreOops! इन 3 मौकों पर कन्या पूजन किया तो पुण्य नहीं, पाप मिलेगा!
Shardiya Navratri 2025 में 9 दिन देवी माँ की आराधना के बाद, 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को कन्या पूजन की परंपरा निभाई जाएगी। भक्तजन 9 कन्याओं और 1 बालक को भोजन करवाकर व्रत का समापन करते हैं। लेकिन, ध्यान रखिए—हर स्थिति में कन्या पूजन नहीं किया जाता।अब धर्म है तो नियम भी होंगे, और इन्हें तोड़ोगे तो पुण्य का स्कोर डाउन हो जाएगा! मृत्यु सूतक लगा है? तो पूजा Pause कर दो! अगर आपके घर में किसी की मृत्यु हो गई है, तो वहां मृत्यु सूतक (अशुद्धि काल) शुरू…
Read Moreकान्हा को माखन पसंद है? तो जन्माष्टमी पर ये भोग जरूर बनाएं!
भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। तब से लेकर आज तक, भक्त इस दिन कान्हा को खुश करने के लिए क्या कुछ नहीं करते — घरों को सजाया जाता है, झूला झुलाया जाता है और माखन-मिश्री से लेकर मोहनथाल तक का भोग तैयार होता है। इस बार जन्माष्टमी पर अगर आप भी अपने कान्हा को “भोग लगा लो जी” कहकर लुभाना चाहते हैं, तो ये लिस्ट जरूर देखिए: माखन मिश्री – कान्हा का क्लासिक क्रश कहते हैं कान्हा के लिए माखन चुराना सिर्फ…
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