पाकिस्तान का “ड्रामा बम”: 5 भारतीय लड़ाकू विमान गिराने का दावा, सबूत ‘गैर-हाज़िर’

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच जारी तनाव के बीच, पाकिस्तान ने फिर वही पुराना स्क्रिप्ट चालू कर दिया है — “हमने 5 भारतीय फाइटर जेट्स गिरा दिए!” पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ़ चौधरी ने बड़े विश्वास से कहा कि 3 रफ़ाल, 1 मिग-29, 1 SU-30 और एक हेरॉन ड्रोन अब उनके “झंडे में लिपटे हुए हैं” — लेकिन सबूत?

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ना जला हुआ टुकड़ा, ना कॉकपिट कैमरा, ना ही कोई धुआं — बस कैमरे के सामने चाय पीते हुए दावा।

भारत की चुप्पी: रणनीति या ‘वाहियात’ दावे पर ध्यान न देने की नीति?

भारत सरकार ने पाकिस्तान के इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफिंग में साफ किया कि भारत ने सिर्फ़ अपने आत्मरक्षा अधिकार का प्रयोग किया है — यानी “हमने मारा, लेकिन किसे और कितना मारा – वो हमारी GPS और रणनीति जानती है, ट्विटर नहीं।”

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अब तक इतिहास गवाह है —

  • 2019 में F-16 खोकर MiG-21 गिराने का दावा

  • 2023 में अपने ही हेलिकॉप्टर को भारत का समझकर मार गिराने की ‘दुर्घटनाएं’

  • और अब 2025 में — रफाल, SU-30 और मिग-29 की शिकार पार्टी, बिना Trophy के

“पाकिस्तान की ये कूटनीति नहीं, कलाकारी है — जहाँ हकीकत का काम CGI और बयानवीरों से लिया जाता है।”

भारत के हमले की पुष्टि, लेकिन…

जहाँ पाकिस्तान दावे उछाल रहा है, वहीं भारत की प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की गई कि पाकिस्तान और POK में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी हमले किए गए। यानी ऑपरेशन सिंदूर का असर अभी भी गर्म है, और शायद उसी आग से पाकिस्तान की प्रेस कॉन्फ्रेंस भी धुंआ-धुंआ हो गई।

ब्रेकिंग vs फैक्टिंग: क्या रॉयटर्स को भी रीव्यू की ज़रूरत?

रॉयटर्स ने पाकिस्तानी प्रवक्ता का वीडियो जरूर चलाया — लेकिन फैक्ट चेक की लेयर गायब दिखी। भारत की सोशल मीडिया यूनिवर्स में मीम्स से लेकर ‘मोदी जी ने चुप्पी में जवाब दे दिया’ जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं।

पाकिस्तान के ये बयान अब सिर्फ कागज़ी नहीं, डिजिटल “झांसे” बनते जा रहे हैं। जब तक सबूत नहीं, तब तक “फेक बम” ही माना जाएगा — चाहे वो रफाल गिराने की हो या साख बचाने की।

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