
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले को लेकर जो सुराग सामने आए हैं, उन्होंने एक बार फिर पाकिस्तान की पोल खोल दी है। भारतीय खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान सेना की मिलीभगत थी।
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कैप्टन साद और अबू मूसा का कनेक्शन – सबूतों से खुल रही परतें
पाकिस्तान आर्मी के कैप्टन साद बिन जुबैर, जिनकी मौत 19 मार्च 2025 को बलूचिस्तान में हुई थी
22 मार्च को लश्कर आतंकी अबू मूसा कश्मीरी ने साद के परिवार से मुलाकात की
अबू मूसा और साद के भाई की तस्वीर सामने आई, जिसमें दोनों साथ खड़े हैं
18 अप्रैल: अबू मूसा का भारत विरोधी भाषण, 22 अप्रैल: पहलगाम हमला
अबू मूसा ने 18 अप्रैल को POK के रावलकोट में भड़काऊ भाषण दिया, जिसमें उसने:
कश्मीर की आज़ादी की धमकी दी
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को खुलेआम ललकारा
वीडियो क्लिप में साफ देखा और सुना जा सकता है कि वह आतंक को बढ़ावा देने वाली बातें कर रहा है
चार दिन बाद ही 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमला हुआ, जिससे इस भाषण और हमले के बीच संबंध की आशंका और मजबूत हुई है।
जांच एजेंसियां एक्शन में: वीडियो की पुष्टि और डिजिटल सबूत इकट्ठा
वीडियो की फॉरेंसिक जांच जारी है
अबू मूसा और साद के परिवार के बीच कॉल और चैट रिकॉर्ड्स की तलाश
पाकिस्तान की सेना और लश्कर के बीच संभावित संपर्कों की छानबीन
आतंक का चेहरा बदलता है, लेकिन पीछे पाकिस्तान ही होता है
चाहे 26/11 का हमला हो, पुलवामा हो या अब पहलगाम अटैक — पाकिस्तान और उसकी सेना की भूमिका बार-बार सामने आती रही है। यह घटना एक और स्पष्ट सबूत है, कि आतंकियों को पालने-पोसने में पाकिस्तानी सेना खुद शामिल है। भारत को अब न सिर्फ सीमा पर, बल्कि डिजिटल और कूटनीतिक मोर्चों पर भी जवाब देने की जरूरत है।
भारत का एयर डिफेंस सिस्टम 2025 — अब दुश्मनों की खैर नहीं!