
देशभर में 7 मई को होने जा रही मॉक ड्रिल को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय देश को सतर्क कर रहा है, ताकि लड़ाकू विमानों के अभ्यास के समय आम लोग घबराएं नहीं।
“बड़ी अय्याशी हो रही है!” — लेकिन भाई, अय्याशी होती क्या है?
राजभर ने कहा:
“देश की सुरक्षा के मद्देनज़र पहलगाम घटना के बाद देश की जनता चाहती है कि आतंकवादियों का सफाया हो।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मॉक ड्रिल सिर्फ एक अभ्यास है, न कि कोई वास्तविक युद्ध का संकेत। उनका कहना था:
“जब हमारे लड़ाकू विमान रिहर्सल करते हैं, तो उसकी आवाज़ से लोग घबरा जाते हैं। गृह मंत्रालय चाहता है कि इसको लेकर लोगों में जागरूकता आए और वे शांतिपूर्ण तरीके से व्यवहार करें।”
मॉक ड्रिल क्यों ज़रूरी?
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की निर्मम हत्या के बाद भारत की सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर है। इसी संदर्भ में 7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है, ताकि संभावित हवाई हमलों या युद्ध जैसे हालात में नागरिकों को तैयार किया जा सके।
क्या करना चाहिए?
गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार:
मॉक ड्रिल के दौरान आने वाली तेज़ सायरन या लड़ाकू विमान की आवाज़ से घबराएं नहीं।
यह एक पूर्व नियोजित अभ्यास है।
किसी भी अफवाह से बचें और सरकारी सूचना स्रोतों पर ही भरोसा करें।
ओमप्रकाश राजभर के अनुसार, देश की सुरक्षा सबसे ऊपर है और आम नागरिकों को इस अभ्यास को समझदारी से लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि “हमारी सेना पूरी तरह मुस्तैद है, और नागरिकों को सहयोग करना चाहिए।”
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