
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान भले ही “हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे” वाले मूड में हो, लेकिन दुनिया के बड़े-बड़े कर्जदाता टेंशन में दुआ कर रहे हैं — “हे मोदी जी! कृपा दृष्टि बनाए रखो, वरना हमारा पैसा डूब जाएगा!”
पानी की एक बूंद भी पाकिस्तान न जाए” — सिंधु जल संधि पर सरकार का सख्त रुख
पाकिस्तान: “हम तो उधारी पे जिएंगे”
पाकिस्तान को IMF, चीन, सऊदी अरब, UAE, वर्ल्ड बैंक, ADB वगैरह से इतना कर्जा मिल चुका है कि अब GDP से ज़्यादा उसकी ईएमआई है। पर हुक्मरान फिर भी बेफिक्र — उन्हें भरोसा है कि भारत हमला नहीं करेगा, क्योंकि हमला हुआ तो IMF की किस्त और चीन का सूद सब जलकर राख हो जाएगा।
मोदी जी, शांति बनाए रखें”
IMF spokesperson: “हम पाकिस्तान को इसलिए लोन नहीं देते कि वो आतंक फैलाए, बल्कि ताकि वो अगली किस्त चुका सके। मोदी जी प्लेज़, थोड़ा चैन से बैठिए।”
चीन: “हमने लाहौर से ग्वादर तक जो सड़क बनाई है, उसका ब्याज ही दो दशक तक पाकिस्तान के बच्चों की जेब से निकलेगा। कृपा दृष्टि बनी रहे!”
सऊदी अरब: “पैसा तो भेज दिया है, अब नमाज़ में मोदी जी के लिए अमन की दुआ कर रहे हैं।”
पाकिस्तानी फाइनेंस मिनिस्ट्री की नई रणनीति:
“Foreign Policy = Loan लेकर भारत को provoke करो, फिर बाकी देशों से कहो कि भारत को समझाओ, नहीं तो सबका पैसा मर जाएगा।”
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भारत की स्थिति
भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित कर दी, अटारी बॉर्डर बंद कर दिया, पर अभी तक सिर्फ नज़रें तरेरी हैं। अंतरराष्ट्रीय जगत कह रहा है — “मोदी जी की आँखें लाल हैं, पर उंगली ना उठे — यही कामना है।”