
मेरठ में एक केस हुआ ऐसा, कि क्राइम पेट्रोल भी बोले — “भाई ये तो थोड़ा ज़्यादा ही रियल है।” पत्नी ने पति को पहले मार डाला, फिर कहानी में एक सांप एंट्री करता है — और निकलता है ‘देवी जागरण’ के लिए किराए पर लिया गया ‘अपराधी नाग’। और हम सब सोचते रहे — “डंसा किसने? और प्लॉट लिखा किसने?”
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Step by Deadly Step
पति अमित की पहले हत्या कर दी गई। बॉडी ठंडी भी नहीं हुई थी कि… पत्नी रविता और उसका प्रेमी बोले – “कुछ करना पड़ेगा, वरना पकड़े जाएंगे।” एंट्री होती है सपेरा नंबर 1: प्रीतम, जिसके पास है एक सांप। एंट्री होती है सपेरा नंबर 2: कृष्ण, जो सांप चुरा लेता है। वही सांप ₹1000 में बेच दिया जाता है रविता के बॉयफ्रेंड को — ये कहकर कि “देवी जागरण में सांप की ज़रूरत है।” कहानी तैयार होती है: “अमित को सांप ने काट लिया था…”
लेकिन प्लॉट में ट्विस्ट:
सांप निकला ज़हरीला नहीं। यानि जो “कथा वाचक सांप” बनाया गया था, वो “गूंगा गवाह” बन गया। मेडिकल रिपोर्ट ने बता दिया — अमित की मौत सांप के जहर से नहीं हुई। सांप था कवर स्टोरी, असली कहानी में पहले ही स्क्रिप्ट खत्म हो चुकी थी।
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क्राइम डायरेक्टर्स को Oscar दो
इस केस में इतनी परतें थीं कि CID की टीम भी Google Map लेकर निकली होती।
पत्नी = विलेन नंबर 1
प्रेमी = सीनियर प्रोड्यूसर
सपेरा 1 = क्राइम में इन्वेंट्री डिपार्टमेंट
सपेरा 2 = सप्लायर
सांप = मासूम कलाकार जो देवी जागरण करने आया था, लेकिन क्राइम में फंसा दिया गया।
और अंत में बस इतना कि जब किसी देश में क्राइम की स्क्रिप्ट लिखी जाती है देवी जागरण के नाम पर, और पुलिस के सामने बयान देता है एक ‘डुप्लीकेट नाग’, तो समझ जाइए —सांप से ज़्यादा ज़हरीली हो चुकी है इंसानी प्लानिंग।