
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। पर्यटकों को निशाना बनाते हुए किए गए इस कायराना हमले में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिसके बाद भारत में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश चरम पर पहुंच गया है।
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भारत सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल समझौते को स्थगित करना, पाक नागरिकों के वीजा रद्द करना, अटारी-बाघा व्यापार रोकना और राजनयिक संबंधों को सीमित करना शामिल है। इसके साथ ही सेना को सतर्क रहने के निर्देश दे दिए गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को समर्थन
पहलगाम हमले के तुरंत बाद अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन, रूस, इजरायल, सऊदी अरब, ईरान जैसे प्रमुख देशों ने आतंक की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता दिखाई।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, जो भारत दौरे पर थे, ने हमले के बावजूद अपनी यात्रा जारी रख भारत के प्रति समर्थन दिखाया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया:
“आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।“
रूस के राष्ट्रपति पुतिन, इजरायल के प्रधानमंत्री, और सऊदी क्राउन प्रिंस ने व्यक्तिगत रूप से पीएम मोदी को संदेश भेजकर सहयोग का भरोसा दिलाया।
चीन की अप्रत्याशित प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद चीन की प्रतिक्रिया चौंकाने वाली रूप से संतुलित और सहानुभूतिपूर्ण रही। नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने न सिर्फ हमले की निंदा की बल्कि सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करने की बात कही।
यह भारत-चीन के बदलते कारोबारी समीकरण और टैरिफ वॉर के बाद बने नए वर्ल्ड ऑर्डर की झलक भी देता है। चीन के लिए भारत एक बड़ा आर्थिक साझेदार है, और ऐसे में पाकिस्तान की तुलना में भारत से संबंध अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
पाकिस्तान की गिरती साख
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की साख तेजी से गिर रही है। आतंकवाद को लेकर उसकी भूमिका, ओसामा बिन लादेन को शरण देना और लगातार एफ़एटीएफ की निगरानी में रहना उसकी हालत को बदतर बनाता जा रहा है।
अब वो दौर नहीं रहा जब पाकिस्तान मुस्लिम देशों का चहेता हुआ करता था। सऊदी अरब, यूएई, ईरान और कतर जैसे देश भारत के रणनीतिक साझेदार बन चुके हैं, और मुस्लिम वर्ल्ड लीग जैसी संस्थाएं भी भारत के साथ खड़ी हैं।
भारत की स्थिति पहले से कहीं अधिक मजबूत
भारत आज हर ग्लोबल मंच पर एक निर्णायक शक्ति बन चुका है। चाहे वह जी-20 हो, ब्रिक्स हो या क्वाड — भारत की बात अब सुनी जाती है।
इसके विपरीत पाकिस्तान एक असफल और अलग-थलग देश बन चुका है, जिसे न अमेरिका में भरोसा है, न अरब जगत में।
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पहलगाम हमला एक चेतावनी है — लेकिन भारत अब वह देश नहीं रहा जो सिर्फ निंदा करके बैठ जाए। इस बार सरकार की नीति स्पष्ट है — राजनयिक, आर्थिक और संभवतः सैन्य मोर्चे पर भी जवाब दिया जाएगा।
दुनिया को अब यह भी समझ में आने लगा है कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है, और भारत आतंक के खिलाफ निर्णायक नेतृत्व देने वाला देश।