
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार शाम बड़ा खुलासा किया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पाकिस्तानी सेना की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने तस्वीरें दिखाकर दावा किया कि भारत के हवाई हमलों में मारे गए लोगों के जनाजों में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी मौजूद थे, और उन शवों को सरकारी झंडे से लपेटा गया था।
“क्या आतंकवादियों को सरकारी सम्मान देता है पाकिस्तान?”
प्रेस वार्ता में मिसरी ने कहा:
“हमने कुछ तस्वीरें देखी हैं, जिनमें सरकारी झंडे में लिपटे शव, और फौजियों की मौजूदगी साफ दिखाई दे रही है।
अगर पाक यह कहता है कि मारे गए लोग आम नागरिक थे, तो उन्हें सेन्य सम्मान किस आधार पर दिया गया?”
दिखाई गई फोटो में क्या था?
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पाकिस्तानी सैनिकों की उपस्थिति
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शव को राष्ट्रीय झंडे से लपेटा गया
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धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार
भारत का स्पष्ट रुख: मारे गए आतंकी थे
भारत ने इन हमलों को लेकर कहा कि:
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“हमने उन्हीं ठिकानों पर हमला किया जहाँ आतंकी मौजूद थे”
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“हम मानते हैं कि इस ऑपरेशन में एक आतंकवादी मारा गया है”
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“उसके अंतिम संस्कार में सरकारी सम्मान दिया गया – इससे बहुत कुछ साफ होता है”
पाकिस्तानी प्रतिक्रिया: हॉटलाइन और NSA संपर्क के दावे
पाक विदेश मंत्री इसहाक़ डार ने एक इंटरव्यू में कहा कि:
“भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच संपर्क हुआ है और हॉटलाइन चालू है।”
लेकिन जब प्रेस ब्रीफिंग में मिसरी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा:
“मुझे इस पर कोई जानकारी नहीं है।”
पाकिस्तान का दोहरा चरित्र?
विशेषज्ञों के मुताबिक यह मामला बताता है कि:
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पाकिस्तान अब भी आतंकवाद को संरक्षण दे रहा है
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जब अंतरराष्ट्रीय मंच पर वो आम नागरिकों की मौत का शोर मचा रहा है,
वहीं अपने देश में आतंकियों को राष्ट्रीय सम्मान दे रहा है
यह प्रेस ब्रीफिंग भारत की ओर से एक कड़ा संदेश है – भारत अब केवल हमला नहीं कर रहा, बल्कि सबूत भी पेश कर रहा है।
पाकिस्तान को अब तय करना होगा कि वह खुद को आतंक के खिलाफ दिखाना चाहता है या उनके जनाजे में सलामी देना।