
चार दिनों तक चले ड्रोन अटैक, मिसाइल स्ट्राइक और फाइटर जेट्स की बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान ने संघर्षविराम की घोषणा कर दी। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि “मरते दम तक लड़ने” की धमकी देने वाला पाकिस्तान एक कॉल पर झुक गया?
सीज़फ़ायर: सिविल सेवा अभ्यर्थियों के लिए क्यों है यह बेहद अहम?
क्या हुआ 10 मई की सुबह?
भारतीय वायुसेना ने सुबह 4:30 बजे पाकिस्तान के रणनीतिक ठिकानों पर एयरस्ट्राइक शुरू की।
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ब्रह्मोस-ए क्रूज मिसाइलें चकलाला (रावलपिंडी) और सरगोधा जैसे एयरबेस पर दागी गईं।
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जैकोबाबाद, भोलारी और स्कार्दू जैसे अतिरिक्त सैन्य ठिकानों पर शाम तक हमले हुए।
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भारतीय खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट पकड़ा: भारत अगला निशाना पाकिस्तान का परमाणु कमांड नेटवर्क बना सकता है।
पाकिस्तान के रक्षा प्रतिष्ठानों में हाई अलर्ट जारी हुआ और वॉर रूम एक्टिवेशन मोड में आ गया।
भारत का संदेश साफ था – अगली स्ट्राइक निर्णायक होगी
सूत्रों के अनुसार, भारत:
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डीप स्ट्रैटेजिक स्ट्रक्चर,
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एनर्जी और फाइनेंशियल हब,
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और पीओके में आतंकवादी लॉन्च पैड्स को टारगेट करने की योजना बना चुका था।
यानी, पाकिस्तान के पास अब सिर्फ दो विकल्प थे –
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या तो पूर्ण युद्ध का सामना करे
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या संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका के दबाव में झुके
कैसे हुई सीज़फायर की शुरुआत?
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10 मई दोपहर 3:35 IST:
पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारत के लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को हॉटलाइन कॉल किया। -
अमेरिका पहले से ही दोनों पक्षों से संपर्क में था और इस बार इस्लामाबाद को साफ संदेश दिया गया:
“अब और देर नहीं, वरना परिणाम भुगतने होंगे।“ -
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र का हवाला देकर युद्धविराम का प्रस्ताव दिया, जिसे भारत ने केवल सैन्य चैनल से स्वीकार किया – बिना कोई कूटनीतिक बातचीत किए।
भारत का दो टूक रुख – वाटर स्ट्राइक जारी रहेंगी
भारत ने स्पष्ट कर दिया कि:
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22 अप्रैल पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि का निलंबन,
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और पाकिस्तान पर आर्थिक दबाव की रणनीति
— युद्धविराम से अप्रभावित रहेगी।
मतलब:
सीज़फायर सिर्फ LOC पर है, लेकिन पाकिस्तान को कोई भी अगला आतंकी प्रयास सीधे युद्ध की कार्रवाई (Act of War) माना जाएगा।
क्या अगली बार सीज़फायर चलेगा?
अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान अगली बार संयम दिखाएगा?
भारत ने स्पष्ट चेतावनी दी है:
“अगली बार, जवाब ‘संयमित’ नहीं होगा, बल्कि ‘निष्कर्षात्मक’ होगा।”
भारत की बदलती सैन्य सोच का प्रतीक है ये सीज़फायर
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यह सिर्फ एक सैन्य निर्णय नहीं था,
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यह भारत की स्ट्रैटेजिक डिटरेंस नीति का हिस्सा था,
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और पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी – अब भारत पहले की तरह जवाब नहीं देगा।
“सीज़फायर जब डर से किया जाए, तो वह संघर्ष की समाप्ति नहीं, सिर्फ विराम होता है।”
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