राम नाम की बैंकिंग: यहां ना ATM की लाइन है, ना फॉर्म में KYC

अजमल शाह
अजमल शाह

जब आप “बैंक” शब्द सुनते हैं तो मन में खाता, लोन, क्रेडिट कार्ड और कभी ना खत्म होने वाली ब्याज दरों की तस्वीर उभरती है। लेकिन उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक ऐसा बैंक भी है, जहां ‘लोन’ तो मिलता है… लेकिन राम नाम लिखने के लिए!

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जी हां, यहां कोई क्रेडिट स्कोर नहीं देखा जाता, कोई EMI की टेंशन नहीं होती — सिर्फ एक लकड़ी की कलम, थोड़ी लाल स्याही और भरपूर श्रद्धा की ज़रूरत होती है।

राम रमापति बैंक: बैंकिंग ऑफ़ ब्लेसिंग्स

वाराणसी के दशाश्वमेध घाट के पास त्रिपुरा भैरवी क्षेत्र में स्थित राम रमापति बैंक की स्थापना 1926 में हुई थी। इस अध्यात्मिक संस्था की नींव दास छन्नूलाल जी ने बाबा सत्यराम दास जी के मार्गदर्शन में रखी थी।

यह बैंक RBI से अप्रूव्ड नहीं है, लेकिन भक्तों के दिल से पूरी तरह अप्रूव्ड है!

यहां लोन क्या होता है?

अब अगर आप सोच रहे हैं कि यहां कार लोन, होम लोन या एजुकेशन लोन मिलता है, तो ज़रा रुकिए। यहां लोन का मतलब है — राम नाम लेखन का संकल्प।

आप जिस भी मनोकामना को लेकर आते हैं — नौकरी, संतान, मन की शांति या नीरव मोदी जैसा बैंक बैलेंस — आपको यहां मिलता है ‘राम नाम लेखन’ का लोन, जिसे पूरी श्रद्धा से लिखकर आप ईश्वर को समर्पित करते हैं।

खाता खोलने की प्रक्रिया: नो आधार, नो पैन – सिर्फ भावनाएं चाहिए!

इस आध्यात्मिक बैंक में खाता खुलवाने के लिए बस एक आवेदन पत्र भरना होता है, जिसमें लिखा होता है:

  • नाम

  • पता

  • मनोकामना (खुल कर लिखें, भगवान पढ़ने वाले हैं)

आवेदन के बाद बैंक आपको सौंपता है एक विशेष लेखन किट:

  • लकड़ी की कलम

  • लाल रंग की स्याही

  • कागज का बंडल

और आप हो जाते हैं ‘राम नाम लोन’ के कर्जदार — वो भी खुशी-खुशी!

EMI नहीं, SRW है — ‘श्रद्धा, रमणीयता और वक्त’

यह बैंक आपसे पैसों में कुछ नहीं मांगता, लेकिन हां — समय, श्रद्धा और समर्पण ज़रूर चाहिए। भक्त हज़ारों की संख्या में यहां आकर राम नाम लिखते हैं, और जब लक्ष्य पूरा हो जाता है, तो बैंक के पास जमा कर देते हैं। बैंक उन्हें विशेष रजिस्टर में दर्ज करता है — और यह है मोक्ष का क्रेडिट स्कोर!

आखिर क्यों जरूरी है यह बैंक?

राम रमापति बैंक सिर्फ एक संस्था नहीं, यह एक आध्यात्मिक आंदोलन है — जो यह दिखाता है कि जब दुनिया पैसे और पावर के पीछे भाग रही हो, तब भी कुछ लोग श्रद्धा और साधना के नाम पर ‘लेन-देन’ कर रहे हैं।

बैलेंस शीट नहीं, भावनाओं का लेखा-जोखा है यहां

अगर आप भी ‘बैंक’ शब्द से डरते हैं — जैसे मासिक स्टेटमेंट देखकर हम सब डरते हैं — तो इस बार वाराणसी जाइए और राम रमापति बैंक से ‘लोन’ लीजिए… राम नाम का!
यहां आपका ब्याज नहीं बढ़ेगा, बल्कि ईश्वर में विश्वास बढ़ेगा।

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