
जब INS विक्रांत से मिग-29 उड़ रहा था और तेजस पाकिस्तान के रडार में तूफान बन चुका था, उसी वक्त बहराइच में हर चायवाले ने चाय पर दो चम्मच शक्कर ज़्यादा डाल दी। वजह?
“सेना बॉर्डर पर है, अब नींद भी VIP क्लास की आएगी।”
भरोसे की नींद, फुल बॉडी स्ट्रेच के साथ
गोरखपुर में लोग इत्मीनान से मोबाइल साइड में रखकर सोए हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है –
“अब जो बम गिरेंगे, उनका हिसाब सुबह न्यूज़ में मिल जाएगा।”
मिसाइलें और भरोसे का एयर स्ट्राइक
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बहराइच के रमज़ान भाई बोले –
“पिछली बार हम जलेबी के साथ न्यूज़ देख रहे थे, इस बार तिरंगा उठाकर मिठाई बाटेंगे।” -
वहीं गोरखपुर के रमेश बाबू बोले –
“आज तो बच्चों को बिना होमवर्क कराए सुला दिया, कहा – बेटा, सेना ने सबकी जिम्मेदारी ले ली है।”
तिरंगा कब लहराएगा?
भारत की सेना ने जब इस्लामाबाद की ओर प्रस्थान किया, तो यूपी में भी साइलेंस मोड ऑन हो गया — लेकिन सिर्फ मोबाइल में, दिलों में डॉलर साउंडिंग कॉन्फिडेंस बज रहा था।
“सुबह तक अगर इंटरनेट ऑन मिला, तो न्यूज़ यही होगी –
इस्लामाबाद पर तिरंगा, नीचे लिखा – Made in India!“
भारत की सेना पर भरोसा अब हथियार नहीं, ह्यूमर और हिम्मत की मिसाइल बन चुका है। यूपी वाले तो अब सोने से पहले य

ही दुआ करते हैं –
“हे सेना माता, अगली बार रावलपिंडी में डोसा खिला देना!”