सीआईडी करेगी बेंगलुरु भगदड़ का ‘पोस्टमार्टम’, नए कमिश्नर सीमांत कुमार की एंट्री

Ajay Gupta
Ajay Gupta

बेंगलुरु शहर के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ ने 11 लोगों की जान ले ली और 33 लोग घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब लोग कार्यक्रम के लिए जमा हुए थे और भीड़ बेकाबू हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने तत्काल सख्त कदम उठाए।

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नए कमिश्नर की सख्त शुरुआत: “ऐसा फिर न हो, इसका इंतज़ाम करेंगे”

सीमांत कुमार सिंह, जिन्हें हाल ही में बेंगलुरु का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है, ने इस संवेदनशील मुद्दे पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:

“हमने जांच के लिए टीमें बना दी हैं, कुछ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और अब केस को सीआईडी के हवाले कर दिया जाएगा।”

पुरानी व्यवस्था पर गिरी गाज, पुलिस अफसर सस्पेंड

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हादसे के अगले ही दिन सख्ती दिखाई और बेंगलुरु के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद सहित कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई के पीछे यही तर्क दिया गया कि सुरक्षा इंतजाम नाकाफी थे, जिसकी वजह से ये दर्दनाक घटना हुई।

CID को क्यों सौंपी गई जांच?

सरकार और पुलिस विभाग को समझ में आ गया कि मामले की निष्पक्ष जांच तभी संभव है जब इसे किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपा जाए। ऐसे में CID यानी अपराध जांच विभाग को यह केस सौंप दिया गया।

  • जांच में पारदर्शिता बनी रहे

  • स्थानीय अधिकारियों से बाहर जाकर जवाबदेही तय हो

  • किसी भी प्रकार की साजिश या चूक की गहराई से पड़ताल की जा सके

 क्या कहा नए पुलिस कमिश्नर ने?

सीमांत कुमार ने कहा:

“यह कैसे हुआ और क्यों हुआ – ऐसा भविष्य में नहीं होना चाहिए… मारे गए और घायल लोगों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है।”

अब आगे क्या?

  • CID जल्द ही जांच शुरू करेगी

  • घटनास्थल के CCTV, चश्मदीद गवाहों, आयोजकों और पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जाएगी

  • कई अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी समीक्षा हो सकती है

जनता के सवाल, सरकार के जवाब

यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक विफलता का आईना बन गया है। लोगों में गुस्सा है, सोशल मीडिया पर न्याय की मांग हो रही है। अब उम्मीद है कि CID की जांच से जवाब भी मिलेंगे और सजा भी।

सख्ती ही अब एकमात्र विकल्प

इस घटना ने साबित कर दिया कि सिर्फ बड़े इवेंट कराना काफी नहीं, उसकी सुरक्षा और प्रबंधन भी उतना ही जरूरी है। सीमांत कुमार की नई जिम्मेदारी में यह पहला बड़ा टेस्ट है — और जनता की नजरें अब उन्हीं पर हैं।

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