1971 की रीढ़ और 2025 की रीति: थरूर बोले, “अब पाक के हालात बदल चुके हैं”

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम के एलान के बाद देश में 1971 की ऐतिहासिक जंग और इंदिरा गांधी की “रीढ़ वाली” लीडरशिप फिर चर्चा में आ गई है। कांग्रेस सांसद और लेखक शशि थरूर ने शनिवार को कहा,

“1971 का युद्ध हमारे इतिहास की महान उपलब्धि थी। इंदिरा गांधी ने दक्षिण एशिया का नक्शा बदल दिया था। लेकिन आज के हालात, हथियार और पाकिस्तान की पॉलिसी बहुत अलग हैं।”

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“आज पाक की स्थिति अलग है”

थरूर ने ज़ोर देकर कहा कि 1971 में भारत का उद्देश्य बांग्लादेश की आज़ादी था, जो नैतिक और रणनीतिक रूप से स्पष्ट था।

“अब पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं, और उनका रुख भी अप्रत्याशित है। इसलिए किसी भी कार्रवाई से पहले सोच-समझ कर चलना ज़रूरी है।”

कांग्रेस ने दिलाई ‘रीढ़ की हड्डी’ वाली इंदिरा गांधी की याद

भारत-पाक संघर्ष विराम की घोषणा के बाद, कांग्रेस पार्टी ने इंदिरा गांधी और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा:

“इंदिरा गांधी ने निक्सन से कहा था — हमारी रीढ़ की हड्डी सीधी है। हम किसी की मर्ज़ी से नहीं चलेंगे।”

कांग्रेस ने इसे “वो हिम्मत, जो देश की गरिमा से समझौता नहीं करती” बताया।

अब रीढ़ की जगह रीट्वीट है?’

“1971 में रीढ़ की बात थी, 2025 में ट्विटर थ्रेड की। फर्क ये है कि तब इंदिरा जी अमेरिका से भिड़ीं थीं, अब अमेरिका के ट्वीट से नीतियां बन रही हैं।”

शशि थरूर का बयान भारत की ऐतिहासिक जीत को नमन जरूर है, लेकिन वर्तमान के जमीनी हालात की हकीकत भी उजागर करता है।
भारत की रणनीति को इतिहास से प्रेरणा लेकर प्रोएक्टिव, लेकिन प्रैक्टिकल बनाए रखने की ज़रूरत है।

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