
पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय शेयर बाजार ने जो प्रदर्शन दिखाया है, उसने ट्रेडर्स और निवेशकों दोनों को हैरान और खुश कर दिया है। Nifty ने 24,700 के स्तर से तेज़ी पकड़ते हुए 25,600 के पार का आंकड़ा छू लिया है, जो तकनीकी तौर पर एक बेहद बुलिश संकेत है। लगातार बनते Higher Highs और Low Volatility corrections से यह स्पष्ट हो गया है कि बाजार मजबूत हाथों में है।
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लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह तेजी कायम रहेगी? और क्या 26,000 का आंकड़ा अब सिर्फ समय की बात है? इस लेख में हम निफ्टी के प्रमुख सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल्स, ग्लोबल मार्केट्स की चाल, और आने वाले सप्ताह की रणनीति पर विस्तार से चर्चा करेंगे — ताकि आप सही निवेश निर्णय ले सकें।
तकनीकी विश्लेषण: कहाँ से मिली ताकत, कहाँ रुक सकता है तूफान?
सपोर्ट लेवल्स:
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24,700–24,800: यह नया डिमांड ज़ोन बन चुका है।
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24,300–24,350: पुराने कंसोलिडेशन का निचला सिरा, मजबूत सपोर्ट।
रेजिस्टेंस लेवल्स:
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25,700–25,750: तत्काल मुनाफावसूली संभव।
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25,950–26,100: अगला बड़ा लक्ष्य, लेकिन मनोवैज्ञानिक रेजिस्टेंस भी।
चार्ट क्या बोल रहे हैं? संकेत जो नजरअंदाज़ नहीं कर सकते:
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Higher High-Higher Low: हर गिरावट में खरीदारी – क्लासिक बुलिश संकेत।
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बड़ी कैंडल्स, भारी वॉल्यूम: तेज़ी का सपोर्ट सिस्टम तैयार है।
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गिरावट में लो वॉल्यूम: बिक्री का प्रेशर कमजोर।
निवेश रणनीति: कौन क्या करे?
शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स:
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25,700–750 पर आंशिक प्रॉफिट बुक करें।
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25,350–25,400 पर नए लॉन्ग बनाएं।
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24,800 से नीचे सतर्क रहें।
लॉन्ग-टर्म निवेशक:
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ट्रेंड पॉजिटिव है, SIP जारी रखें।
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26,000 के ऊपर बाजार नई ऊंचाई छू सकता है।
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भारी निवेश से बचें, फेज्ड इन्वेस्टमेंट अपनाएं।
ग्लोबल बाजार: दोस्ती या दुश्मनी?
अमेरिका:
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NASDAQ और S&P 500 ऑल-टाइम हाई के करीब।
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फेड की दर कटौती की उम्मीदें बरकरार (सितंबर?)
यूरोप:
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फ्रांस में चुनावी अनिश्चितता।
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ECB नरम रुख बनाए हुए है।
एशिया:
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चीन में डेटा कमजोर, लेकिन राहत पैकेज की उम्मीद।
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जापान में येन की कमजोरी से निर्यातक मस्त।
ईरान-इज़राइल युद्धविराम: राहत या भ्रम?
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तेल की कीमतों में गिरावट (Brent ~$80-82): भारत के लिए राहत।
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रुपया स्थिर: 85.50/USD के पास।
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महंगाई और ब्याज दरों पर दबाव घटा।
देश के अंदर क्या हो रहा है?
GST कलेक्शन:
₹1.74 लाख करोड़ – यह रिकॉर्ड बता रहा है कि इकोनॉमी रफ्तार में है।
मानसून सामान्य:
FMCG और रूरल डिमांड को सपोर्ट मिलेगा।
IIP और CPI:
महंगाई थोड़ी घटी, उत्पादन में सुधार। ब्याज दरें स्थिर रहने के संकेत।
SEBI की नई गाइडलाइन:
म्यूचुअल फंड्स में पारदर्शिता बढ़ेगी, निवेशकों को और सुरक्षा।
आने वाला सप्ताह: क्या रखें ध्यान में?
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US Non-Farm Payroll डेटा: ग्लोबल दिशा तय करेगा।
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FOMC Minutes: ब्याज दरों पर संकेत मिलेंगे।
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भारत में ऑटो सेल्स डेटा: कंज्यूमर सेंटीमेंट का पैमाना।
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मानसून की चाल: कृषि और FMCG पर असर।
निफ्टी की चाल तेज, पर ऊँचाई पर सावधानी जरूरी
बाजार के सारे संकेत फिलहाल तेजी के हैं। लेकिन 25,700 के ऊपर मुनाफावसूली और वोलाटिलिटी संभव है। अगर कोई ग्लोबल झटका नहीं आया, तो 26,000 का स्तर दूर नहीं।
निवेशकों के लिए अंतिम सलाह:
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गिरावट को अवसर मानें।
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जल्दबाजी से बचें, सोच-समझकर निवेश करें।
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SIP, फेज्ड इन्वेस्टमेंट और बैलेंस पोर्टफोलियो की रणनीति अपनाएं।
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