
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के जरूरतमंदों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत एक-एक गरीब पात्र व्यक्ति को चिन्हित कर राशन कार्ड जारी किए जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है — “कोई भी भूखा न सोए।”
राशन कार्ड वितरण में प्रयागराज शीर्ष पर
खाद्य एवं रसद विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रयागराज जिले ने 9.34 लाख सामान्य राशन कार्ड और 40.29 लाख लाभार्थियों के साथ प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
अन्य टॉप जिले:
सीतापुर: 7.74 लाख कार्ड, 31.60 लाख लाभार्थी
आगरा: 7.38 लाख कार्ड, 30.80 लाख लाभार्थी
लखनऊ: 7.01 लाख कार्ड, 29.08 लाख लाभार्थी
जौनपुर, गोरखपुर, आजमगढ़ भी टॉप-10 में शामिल हैं
अंत्योदय राशन कार्ड वितरण में गोरखपुर ने मारी बाजी
अत्यंत गरीबों के लिए अंत्योदय कार्ड वितरण में गोरखपुर जिला 1.26 लाख कार्ड और 4.56 लाख लाभार्थियों के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद क्रमशः सीतापुर, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़ और प्रयागराज जैसे जिले हैं।
कैसे की जा रही पात्रता की पहचान?
सरकार ऑनलाइन आवेदन, आधार-लिंक सत्यापन और डिजिटल निगरानी के माध्यम से इस प्रक्रिया को पारदर्शी बना रही है।
हर जिले को निर्देश दिए गए हैं कि कोई पात्र व्यक्ति छूटने न पाए। पीओएस मशीनों के जरिए वितरण प्रणाली और सशक्त की जा रही है।
क्या-क्या मिल रहा है मुफ्त?
सभी पात्र कार्डधारकों को हर महीने मिल रहे हैं:
गेहूं
चावल
दाल
अन्य आवश्यक वस्तुएं
15 करोड़ लोगों तक पहुंचा मुफ्त राशन का लाभ
अब तक 3.16 करोड़ सामान्य और 40.73 लाख अंत्योदय राशन कार्ड जारी हो चुके हैं, जिससे करीब 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन का लाभ मिल रहा है। इनमें 1.30 करोड़ अंत्योदय कार्डधारी शामिल हैं।
सरकार की प्रतिबद्धता: “भूखा न सोए कोई”
योगी सरकार की यह पहल न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है, बल्कि गरीबों की गरिमा को बनाए रखने में भी मील का पत्थर साबित हो रही है।