
उत्तर प्रदेश अब केवल ‘एक्सप्रेसवे प्रदेश’ ही नहीं, बल्कि ‘स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर हब’ बनने की दिशा में अग्रसर है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश की दो प्रमुख एक्सप्रेसवे परियोजनाओं — पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे — को वर्ल्ड क्लास यात्री सुविधाओं से लैस करने का रोडमैप तैयार कर लिया है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई है।
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क्या होंगे ‘ई-वे हब’?
‘ई-वे हब’ दरअसल मल्टी-यूटिलिटी ज़ोन होंगे, जहां राहगीरों को यात्रा के दौरान सभी जरूरी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी। इसमें शामिल होंगी:
पेट्रोल व सीएनजी पंप
इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन
फूडकोर्ट और आउटलेट्स
टॉयलेट ब्लॉक्स और पेयजल
बजट होटल
लॉजिस्टिक्स हब
किड्स प्ले एरिया और थीम पार्क
हेल्थकेयर और एजुकेशनल सेंटर
आधुनिक सीसीटीवी निगरानी
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर कहां-कहां बनेंगे ई-वे हब?
कुल 8 ई-वे हब्स, 81.89 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किए जाएंगे:
बाराबंकी: 10 हेक्टेयर (बायीं ओर)
अमेठी: 10.12 हेक्टेयर (दाहिनी ओर)
मऊ: 10.10 हेक्टेयर (बायीं ओर)
गाजीपुर: 10.52 हेक्टेयर (दाहिनी ओर)
सुल्तानपुर: 10.42 व 10.58 हेक्टेयर (दोनों ओर)
आजमगढ़: 10.11 व 10.04 हेक्टेयर (दोनों ओर)
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर विकास योजना
कुल 4 ई-वे हब, 40 हेक्टेयर भूमि पर होंगे:
बांदा: 10 हेक्टेयर (दाहिनी ओर)
हमीरपुर: 10 हेक्टेयर (बायीं ओर)
जालौन: 20 हेक्टेयर (दोनों ओर 10-10 हेक्टेयर)
कैसे होगा निर्माण?
निर्माण ईपीसी मोड (Engineering, Procurement, and Construction) पर होगा।
हर हब पर स्मार्ट टेक्नोलॉजी, सीसीटीवी सर्विलांस और ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जाएंगे।
इंडस्ट्रियल और कॉमर्शियल ज़ोन का विकास भी किया जाएगा जिससे स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
क्या बदलेगा इन ई-वे हब्स से?
सुविधा | लाभ |
---|---|
चार्जिंग स्टेशन | इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा |
बजट होटल | सफर करने वाले परिवारों को सुविधा |
लॉजिस्टिक्स जोन | बिजनेस और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बूस्ट |
फूड कोर्ट्स | स्थानीय व्यंजनों और रोजगार को बढ़ावा |
मॉनिटरिंग सिस्टम | सुरक्षा और निगरानी सुनिश्चित |
योगी सरकार का यह कदम न सिर्फ यात्री सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि उत्तर प्रदेश को इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल स्टेट बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। ‘ई-वे हब्स’ से ना सिर्फ यात्रा आसान होगी बल्कि इकोनॉमिक कॉरिडोर के रूप में इन एक्सप्रेसवेज की अहमियत भी बढ़ेगी।