राज्यसभा 2026: VIP नेताओं की छुट्टी, सीटों पर सेटिंग कौन करेगा?

सुरेन्द्र दुबे ,राजनैतिक विश्लेषक
सुरेन्द्र दुबे ,राजनैतिक विश्लेषक

2026 में होने वाले राज्यसभा चुनाव सिर्फ एक संवैधानिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि देश की राजनीति का नया रंगमंच बनने जा रहे हैं। अप्रैल, जून और नवंबर में होने वाले इन चुनावों में 75 सीटें खाली होंगी। यानी बहुत सारे नेताओं का पॉलिटिकल ‘रिटायरमेंट पार्टी’ तय है, और कुछ की कुर्सी की तलवार लटक रही है।

रेट्रो रिव्यू: शोले – जब सिनेमा गोली से नहीं, डायलॉग से चलता था

कौन-कौन कहेंगे ‘टाटा-बाय बाय’?

1. कर्नाटक की कहानी:

  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा 25 जून 2026 को रिटायर हो रहे हैं।

  • दोनों का पॉलिटिकल कद बहुत बड़ा, लेकिन सीट पर अब नई जंग तय।

2. उत्तर प्रदेश का महाकुंभ:

  • दो केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बीएल वर्मा सहित 10 सीटें खाली होंगी।

  • यानि यूपी में राजनीतिक सीटों की कुर्सी-कुर्सी खेल देखने को मिलेगा।

3. राजस्थान की रणभूमि:

  • बीजेपी में गए रवनीत बिट्टू चुनाव हारने के बावजूद मंत्री बने, अब राज्यसभा से रिटायरमेंट की बारी।

4. मध्य प्रदेश से विदाई:

  • कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और मंत्री जॉर्ज कुरियन भी जून में विदा लेंगे।

कौन सी राज्यसभा सीटें खाली होंगी?

राज्य खाली सीटें प्रमुख नाम
महाराष्ट्र 7 शरद पवार, अठावले
कर्नाटक 4 खरगे, देवेगौड़ा
उत्तर प्रदेश 10 पुरी, बीएल वर्मा
बिहार 5 हरिवंश, उपेंद्र कुशवाहा
पश्चिम बंगाल 5 साकेत गोखले
तमिलनाडु 6 थंबी दुरई, तिरुचि शिवा
अन्य राज्य 38 NE राज्यों सहित

राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य भी करेंगे विदाई

  • पूर्व CJI रंजन गोगोई मार्च 2026 में रिटायर होंगे।

  • मानो न्यायपालिका से संसद तक का सफर अब इतिहास बनने जा रहा है।

शक्ति संतुलन की शतरंज

NDA के पास अभी 129 सीटें, विपक्ष के पास 78।

इन 75 सीटों के परिणाम से तय होगा – ऊपर की सत्ता में कौन बाज़ीगर बनेगा?

यदि INDIA गठबंधन को अधिक लाभ मिला तो लोकसभा के मुकाबले राज्यसभा में रोचक संघर्ष देखने को मिल सकता है।

“नेताओं की सीट जा रही है, लेकिन चिंता न करें, मंत्रालय में ‘बैठने’ की जगह फिर भी मिल जाती है!”

“राज्यसभा की रिटायरमेंट लिस्ट देखकर कई नेता अब विधानसभा का फॉर्म डाउनलोड करने में लगे हैं।”

  • राजनीतिक असर बड़ा होगा:
    राज्यसभा में ताकत बदलने से कानून पास होने की रणनीति, बजट बहस और बिलों पर बहुमत की चाल पूरी तरह से बदल सकती है।

  • लोकसभा 2024 के बाद पहला बड़ा टकराव:
    कई हार-जीत की भरपाई यहीं होगी।

राज्यसभा 2026 का चुनाव न सिर्फ संख्या का खेल है, बल्कि राजनीतिक भविष्यवाणियों का टेस्ट सेंटर भी।
जहां पुराने दिग्गजों की विदाई के साथ नए समीकरण तैयार होंगे, वहीं कुछ नेता “Retire होकर फिर से Fire” वाले फॉर्मूले में दिख सकते हैं।

श्रीनगर हुआ सील, शहीदों की याद भी अब पासवर्ड मांगती है?

Related posts

Leave a Comment