
गुजरात से ताल्लुक रखने वाली लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर की अधिकारी हैं। उन्होंने 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) से कमीशन प्राप्त किया और सेना में कई जटिल अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकाने तबाह किए, सचिन-सहवाग-गंभीर ने सेना को किया सलाम
ऑपरेशन सिंदूर में क्या भूमिका निभाई?
भारत की जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कर्नल सोफिया ने स्पष्ट किया कि यह मिशन उन मासूम पर्यटकों के लिए न्याय है जिनका जीवन पहलगाम हमले में छीना गया। उन्होंने कहा,
“यह केवल सैन्य मिशन नहीं, एक भावनात्मक प्रतिकार था।”
सैन्य पृष्ठभूमि और शिक्षा
सोफिया एक सैन्य परिवार से आती हैं। उनके दादा और पिता दोनों भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं। उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर किया है और सेना में आते ही अपने पुरुष समकक्षों के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य किया।
अंतरराष्ट्रीय अनुभव: कांगो और संयुक्त राष्ट्र मिशन
2006 में कांगो में UN शांति मिशन का हिस्सा बनीं।
वहाँ युद्धविराम की निगरानी, मानवीय सहायता और संचार समन्वय की जिम्मेदारी निभाई।
पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत अभियान में योगदान पर उन्हें Signal Officer-in-Chief Commendation Card से नवाजा गया।
ऐतिहासिक उपलब्धि: फोर्स 18 का नेतृत्व
मार्च 2016 में पुणे में हुए एक्सरसाइज फोर्स 18 में कर्नल सोफिया ने इतिहास रच दिया। वह बनीं पहली भारतीय महिला अधिकारी, जिन्होंने बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व किया।
पारिवारिक जीवन
कर्नल सोफिया ने मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से विवाह किया है जो मैकेनाइज़्ड इन्फैंट्री में कार्यरत हैं। उनका 9 वर्षीय बेटा भी है। एक सैन्य जोड़ी के रूप में उन्होंने अपने परिवार को देशसेवा में समर्पित किया है।
प्रेरणा की प्रतिमूर्ति
कर्नल सोफिया कुरैशी आज न केवल ऑपरेशन सिंदूर की आवाज बनीं, बल्कि लाखों लड़कियों के लिए यह संदेश भी छोड़ गईं:
“सीमा पर महिला नहीं, केवल सैनिक होता है — और वह भी दुश्मन के लिए डर बन सकता है।”
अब मेरे पति को शांति मिलेगी – ऑपरेशन सिंदूर पर बोलीं शहीद शुभम की पत्नी