
जम्मू-कश्मीर की बैसरन घाटी, जहां हर साल सैकड़ों सैलानी प्रकृति की शांति का आनंद लेने आते हैं, इस बार गोलियों की गूंज से कांप उठी। मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए और 17 घायल हो गए। इस अमानवीय हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है।
हमला सुनियोजित, पाकिस्तान का सीधा हाथ
सूत्रों के अनुसार, इस नरसंहार में दो पाकिस्तानी आतंकियों और दो स्थानीय आतंकियों का हाथ है। हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का नाम सामने आया है। सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच जारी किए हैं।
स्थानीय आतंकियों की पहचान आदिल अहमद ठाकुर (गुरी, बिजबेहड़ा) और आशिफ शेख (त्राल, मोंघामा) के रूप में हुई है। आदिल लश्कर से जुड़ा है, जबकि आशिफ जैश का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है।
टारगेट थे पर्यटक, 20 मिनट तक चली गोलाबारी
आतंकियों ने करीब 20 मिनट तक एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग की। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ आतंकियों ने बॉडी कैमरा लगा रखा था और पूरी वारदात को रिकॉर्ड किया गया। यह पाकिस्तान की एक बार फिर सुनियोजित रणनीति को उजागर करता है।
दिल्ली तक हाई अलर्ट, गृह मंत्री की कड़ी चेतावनी
घटना के बाद से सेना, एनआईए और पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है। ड्रोन और हेलिकॉप्टर से पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद श्रीनगर पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
क्या पाकिस्तान देश में हिंदू-मुसलमानों के बीच तनाव भड़काना चाहता है
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इस हमले की टाइमिंग और टारगेट (पर्यटक, जिनमें अधिकांश हिंदू थे) यह इशारा करता है कि पाकिस्तान की कोशिश भारत में सांप्रदायिक तनाव भड़काने की है। बॉडी कैमरा से हमले की रिकॉर्डिंग करके इसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया में फैलाने का इरादा था, ताकि मुस्लिमों पर हमलों की झूठी कहानी गढ़ी जा सके।
देश में गुस्सा, सोशल मीडिया पर उठी सख्त कार्रवाई की मांग
सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। हजारों यूज़र्स पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग कर रहे हैं।