
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी ने निर्दोष जीवन छीन लिया। इस बार निशाना बना राजौरी शहर, जहां एक वरिष्ठ अधिकारी की जान चली गई। उमर अब्दुल्लाह ने इस घटना को दुखद और निंदनीय बताया है।
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उमर अब्दुल्लाह का बयान: “एक समर्पित अधिकारी को खो दिया”
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया:
“राजौरी से दुखद खबर. हमने जम्मू-कश्मीर प्रशासन सेवा के एक समर्पित अधिकारी को खो दिया है। कल ही वे डिप्टी सीएम के साथ जिले में थे और मेरी अध्यक्षता में हुई ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए थे।”
उन्होंने पुष्टि की कि यह सीमा पार से की गई पाकिस्तानी गोलीबारी का परिणाम था।
अधिकारी राज कुमार थापा की मौत
गोलाबारी के दौरान अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त राज कुमार थापा का घर पाकिस्तानी गोलों की चपेट में आ गया। उमर अब्दुल्लाह ने बताया कि हमले का सीधा निशाना राजौरी शहर था और थापा का निवास स्थल दुर्भाग्यवश उसी ज़ोन में आ गया।
थापा की पहचान एक ईमानदार, सक्रिय और जनता-समर्पित अफसर के रूप में की जाती थी।
पाकिस्तान का सीजफायर उल्लंघन फिर सवालों के घेरे में
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय बार-बार भारत और पाकिस्तान को शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान द्वारा लगातार सीजफायर उल्लंघन भारत की सुरक्षा व्यवस्था और नागरिकों के जीवन पर खतरा बन गया है।
भारत की प्रतिक्रिया का इंतज़ार
इस घटना पर अभी तक भारत सरकार की ओर से औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और जनता में रोष है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब सीजफायर समझौते हैं, तो उनका पालन कौन कराएगा?
राजौरी में हुआ यह हमला सिर्फ एक गोलीबारी नहीं, बल्कि भारत के नागरिक प्रशासन पर हमला है। उमर अब्दुल्लाह की भावनाएं लाखों कश्मीरवासियों की पीड़ा को दर्शाती हैं। अब सवाल यह है – क्या पाकिस्तान की हरकतों पर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी कुछ बोलेगी या फिर केवल शांति की अपील तक सीमित रहेगी?
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