
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने पहलगाम आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अहिंसा हमारा धर्म है, लेकिन अत्याचारियों को दंड देना भी उसी अहिंसा का एक रूप है। यह बात उन्होंने ‘द हिंदू मेनिफेस्टो’ नामक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम के दौरान कही।
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भागवत ने कहा, “भारत की परंपरा कभी किसी पड़ोसी को हानि नहीं पहुंचाने की रही है, लेकिन अगर कोई देश या समूह अत्याचार करता है, तो उस स्थिति में राजा का धर्म बनता है कि वह अपनी प्रजा की रक्षा करे और अत्याचारियों को दंड दे।” उनके इस बयान को परोक्ष रूप से पाकिस्तान से जोड़कर देखा जा रहा है, हालाँकि उन्होंने सीधे किसी देश का नाम नहीं लिया।
राजा का कर्तव्य: प्रजा की रक्षा और दोषियों को दंड
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में रामायण का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान ने रावण का वध किया था, वह हिंसा नहीं बल्कि धर्म की रक्षा थी। “दोषियों को रोकना और दंड देना ही सच्ची अहिंसा है,” उन्होंने जोड़ा।
साथ ही उन्होंने भारतीय संस्कृति में शास्त्रार्थ की परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि संवाद और विमर्श से ही सच्चा समाधान निकलता है। उन्होंने कहा, “हिंदू धर्म का काल-सुसंगत रूप शास्त्रार्थ और विवेक से ही उभरता है।”
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पहलगाम हमले पर केंद्र सरकार और सेना का एक्शन मोड
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हमले के बाद केंद्र सरकार और सेना ने आतंकियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
एनआईए, सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य एजेंसियों ने अब तक श्रीनगर में 60 से अधिक जगहों पर छापेमारी की है और अनंतनाग जिले में 175 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
मुख्य आरोपी की पहचान
इस हमले का मुख्य आरोपी अनंतनाग का आदिल हुसैन थोकर बताया जा रहा है। साथ ही पुलवामा जिले के त्राल निवासी शेख पर भी हमले की साजिश में शामिल होने का शक है। दोनों आरोपियों के परिवारों का कहना है कि उन्हें उनके ठिकानों की कोई जानकारी नहीं है।
उन्नत तकनीकों का उपयोग
सेना द्वारा आतंकियों की खोज में ड्रोन, हेलीकॉप्टर और अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां अपने मुखबिरों के जरिए भी लगातार आतंकियों की लोकेशन का पता लगाने में जुटी हैं।