पहलगाम हमला: शुभम के पिता ने कहा, दो टके के आतंकवादी भारत सरकार को चुनौती देकर चले गए

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए एक बर्बर आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। आतंकियों ने हिल स्टेशन पर बैठे पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा और फिर गोली मारी। इसी हमले में कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। शुभम अपनी पत्नी ऐशान्या के साथ पहलगाम घूमने गए थे।

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धर्म पूछकर की गई हत्या

शुभम की पत्नी ऐशान्या ने मीडिया को बताया कि आतंकी सेना की वर्दी में आए और धर्म पूछने लगे—”हिंदू हो या मुसलमान?” जब शुभम ने कहा कि वह हिंदू हैं, तो उसी पल उन्हें सिर में गोली मार दी गई। ऐशान्या रोती रहीं और बोलीं “मुझे भी मार दो,” लेकिन आतंकी वहां से चले गए।

पिता का दर्द: ‘ऐसी कार्रवाई हो कि सात पुश्तें भूल जाएं’

शुभम के पिता डॉ. संजय द्विवेदी ने कहा, “सरकार को ऐसा जवाब देना चाहिए कि इन दो टके के आतंकियों की सात पुश्तें डर जाएं। मेरी बहू से उन्होंने कहा, ‘मोदी को बोल देना, इसलिए तुम्हें नहीं मारा।’ यह सीधा भारत सरकार को चुनौती है।”

शुभम की शादी को दो महीने भी नहीं हुए

शुभम और यशोदा नगर की ऐशान्या की शादी 12 फरवरी को हुई थी। दोनों पहली बार शादी के बाद परिवार संग घूमने निकले थे। शुभम एक सीमेंट कंपनी में सेल्स प्रोमोटर के रूप में काम करते थे।

हमला और मौत का सिलसिला

परिवार के अनुसार, हमले में सेना की वर्दी में 2-3 आतंकी आए और करीब 26 लोगों की हत्या कर दी गई। मौके पर सुरक्षाबलों ने पहुंचकर जवाबी कार्रवाई की, लेकिन तब तक कई मासूम पर्यटक मारे जा चुके थे। शुभम को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी, सरकार का ऐलान

पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन टीआरएफ (The Resistance Front) ने इस नृशंस हमले की जिम्मेदारी ली है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख और गंभीर घायलों को ₹2 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

पुलवामा के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है जिसमें आम नागरिकों को धर्म के आधार पर टारगेट किया गया। शुभम की मौत सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि भारत की आत्मा पर हमला है। अब सवाल है—क्या सरकार वैसा ही जवाब देगी, जैसा एक पिता ने मांग की है?

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