
मेरे भाई को आतंकियों ने मार दिया, सीएम सर हमें इंसाफ चाहिए… मैं अपने भाई को ऐसे ही नहीं जाने दे सकती…” ये शब्द नहीं, एक बहन के सीने में धधकते उस ज्वालामुखी की चीख थी, जिसने अपने भाई को खो दिया।
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पहलगाम आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की हत्या के बाद जब उनका शव करनाल पहुंचा, तो हर आंख नम थी। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे। जब वो परिवार से मिलने पहुंचे, तो विनय की बहन बिलख उठी –
“जिसने मेरे भाई को मारा, हमें उसका सिर चाहिए।”
सीएम सैनी ने भरोसा दिलाया –
“जो लोग इस घिनौनी घटना में शामिल हैं, सेना उन्हें छोड़ने वाली नहीं। देश आपके साथ है।”
हनीमून बना मातम, तिरंगे में लिपटी विदाई
विनय नरवाल और उनकी पत्नी हिमांशी की शादी 16 अप्रैल को हुई थी। दोनों हनीमून के लिए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम गए थे। लेकिन 20 अप्रैल को आतंकियों ने बैसरन में हिमांशी के सामने ही विनय की बेरहमी से हत्या कर दी। हिमांशी ने तिरंगे में लिपटे अपने पति को गले लगाकर अंतिम विदाई दी। ग़म और गर्व से भरे शब्दों में कहा –
“हमें विनय पर गर्व है। हम उन्हें हमेशा गौरव के साथ याद रखेंगे।”
करनाल की सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब
जैसे ही पार्थिव शरीर करनाल पहुंचा, हजारों लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगे और पूरा शहर शहीद को अंतिम विदाई देने में एकजुट हो गया।
विनय का अंतिम संस्कार करनाल में किया गया, जिसमें सीएम नायब सैनी, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, प्रशासनिक अधिकारी और हजारों आम लोग शामिल हुए।
सेना का जवाबी एक्शन शुरू
सेना ने पहलगाम में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इस हमले की जिम्मेदारी पाक समर्थित आतंकी संगठन TRF (The Resistance Front) ने ली है। सेना ने कहा है कि हमले में शामिल किसी भी आतंकी को बख्शा नहीं जाएगा।
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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शहीद के परिवार को ₹10 लाख की सहायता देने का ऐलान किया है। घायलों को भी ₹1-2 लाख की राशि मिलेगी। लेकिन परिजनों का एक ही सवाल है –
“मुआवज़ा बाद में… क्या इंसाफ मिलेगा?”