नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश कर दिया है। बजट में नौकरी पेशा लोगों और किसानों के लिए कई अहम घोषणाएं की गई हैं। तो वहीं विपक्ष ने बजट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय बजट 2025-26 की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे देश की आर्थिक चुनौतियों के सामने ‘गोली के घावों पर पट्टी’ करार दिया। बजट के प्रावधानों पर निराशा व्यक्त करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह बजट अल्पकालिक सुधारों पर केंद्रित है, जबकि इसमें दीर्घकालिक आर्थिक पुनरुद्धार के लिए आवश्यक दूरदर्शिता की कमी है।
राहुल गांधी ने कहा, “वैश्विक अनिश्चितता के इस दौर में भारत की अर्थव्यवस्था को एक बड़े बदलाव की जरूरत थी, लेकिन इसके बजाय, यह सरकार विचारों से दिवालिया हो गई है।” उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर बिहार को “बोनान्ज़ा” देने और एनडीए गठबंधन के एक अन्य राज्य आंध्र प्रदेश की “क्रूरतापूर्वक” उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
अरविंद केजरीवाल ने जताई नाराजगी
आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बजट की आलोचना की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ (X) पर लिखा, “देश के खजाने का एक बड़ा हिस्सा चंद अमीर अरबपतियों के कर्ज माफ करने में चला जाता है। मैंने मांग की थी कि बजट में यह ऐलान किया जाए कि आगे से किसी अरबपति के कर्ज माफ नहीं किए जाएंगे। इस पैसे का उपयोग मध्यम वर्ग के होम लोन और व्हीकल लोन में छूट देने, किसानों के कर्ज माफ करने और इनकम टैक्स एवं जीएसटी दरों को आधा करने में किया जाए। मुझे दुख है कि यह नहीं किया गया।”
अखिलेश यादव ने साधा सरकार पर निशाना
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “बजट आम जनता को निराश करने वाला है। लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि कुंभ मेले में अब भी लोग अपने परिजनों को खोज रहे हैं। कोई बेटा अपनी मां को ढूंढ रहा है, कोई बहू अपने परिवार को। सरकार बजट तो पेश कर रही है, लेकिन उसे पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आम लोगों की बुनियादी समस्याओं का समाधान हो।”
मायावती ने बताया ‘राजनीतिक स्वार्थ’ वाला बजट
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने बजट को ‘राजनीतिक स्वार्थ’ से प्रेरित बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “देश में महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी से जनता परेशान है। सड़क, पानी, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से लोग त्रस्त हैं। लेकिन केंद्र सरकार का बजट कांग्रेस की तरह ही राजनीतिक स्वार्थ का ज्यादा और जनहित का कम लगता है। अगर ऐसा नहीं होता, तो जनता का जीवन लगातार बदहाल क्यों होता जा रहा है? ‘विकसित भारत’ का सपना तब ही पूरा होगा जब बहुजन समाज का हित भी प्राथमिकता में आएगा।”
तेजस्वी यादव ने बताया ‘बिहार विरोधी बजट’
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी बजट की आलोचना करते हुए इसे गांव, ग्रामीण और गरीब विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा, “बिहार को हमेशा मोदी सरकार ने ठगने का काम किया है। इस बजट में प्रधानमंत्री ने सब कुछ गुजरात को दिया है और बिहार को ठेंगा दिखाया है। बिहार के साथ यह सौतेला व्यवहार निंदनीय है। जब बिहार में चुनाव आएंगे, तो केवल मीठी-मीठी बातें होंगी।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया ‘समावेशी विकास’ वाला बजट
बजट को लेकर विपक्ष के कड़े रुख के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे समावेशी विकास और समृद्धि का बजट बताया। उन्होंने कहा, “यह बजट देश के हर वर्ग के लिए लाभकारी है। इसमें किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं शामिल की गई हैं। यह एक परिवर्तनकारी बजट है जो भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मजबूत कदम है।”