
मिश्रांभू, कोल्ड ड्रिंक, स्क्वैश और रंग-बिरंगे शरबत — देखने में सुकून देने वाले, पर असर में घातक!
मीठी ठंडक के पीछे क्या छिपा है?
चीनी की बाढ़!
एक गिलास स्क्वैश = 5-6 चम्मच चीनी!
कोल्ड ड्रिंक्स में तो मीठा ऐसा जैसे सीधे शक्कर की बोतल पी ली हो। इससे ब्लड शुगर हाई, और सेहत डाउन!
मोटापा बोले – हैलो!
मीठे पेयों से मिलती हैं खाली कैलोरीज़, जो सीधे बदलती हैं पेट की चर्बी में। वजन घटाना? भूल जाइए!
डायबिटीज़ का टिकट
हर दिन मीठा पीना = इंसुलिन रेजिस्टेंस की शुरुआत। फिर टाइप 2 डायबिटीज़ भी ज्यादा दूर नहीं।
दांतों का भी गेम ओवर
एसिड + शुगर = कैविटी। ठंडा पीने के चक्कर में दांत भी कहेंगे, “अब और नहीं!”
लिवर बोले – रुकिए ज़रा!
ज्यादा चीनी ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ाकर फैटी लिवर डिज़ीज़ तक पहुंचा सकती है। मीठे से लिवर भी बिगड़ सकता है।
तो फिर पिएं क्या? सेहत से समझौता नहीं!
सादा पानी – सबसे सेफ, सबसे बेस्ट
नींबू पानी – बिना शक्कर या बहुत कम शक्कर में
नारियल पानी – नेचर का इलेक्ट्रोलाइट
छाछ या सादा लस्सी – देसी ठंडक, बिना रिस्क
कम चीनी वाला बेल शरबत – घर का बना = भरोसेमंद
डिटॉक्स वॉटर – खीरा, पुदीना, नींबू डालिए और बन गया हेल्दी पेय!
जब अगली बार गर्मी से बेहाल होकर कोल्ड ड्रिंक की बोतल की तरफ़ हाथ बढ़ाएं, तो थोड़ा रुकिए और सोचिए – “क्या ये ठंडक असल में बीमारी की गर्माहट तो नहीं ला रही?”
स्मार्ट बनें, हेल्दी पिएं, और गर्मी को मात दें सेहतमंद अंदाज़ में!