
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अब देश का दूसरा और उत्तर भारत का पहला फॉरेस्ट्री एंड हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी स्थापित होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद अब इसकी स्थापना की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है। जमीन चिन्हित हो चुकी है, डीपीआर बन रही है और बजट में ₹50 करोड़ का प्रावधान भी किया जा चुका है।
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मुख्यमंत्री की घोषणा और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
6 सितंबर 2024 को कैम्पियरगंज में जटायु संरक्षण केंद्र के लोकार्पण समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना का ऐलान किया था। यह देश का दूसरा और दुनिया का चौथा वानिकी विश्वविद्यालय होगा।
कहां बनेगा विश्वविद्यालय?
गोरखपुर के कैम्पियरगंज रेंज के भौरावैसी ब्लॉक में 50 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि इस विश्वविद्यालय के लिए चिन्हित की गई है। इसके बदले खजनी क्षेत्र में वन विभाग को 50 एकड़ गैर-वन भूमि दी जा रही है।
भारत सरकार से भूमि हस्तांतरण की अनुमति के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया गया है।
डीपीआर और निर्माण की योजना
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डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार की जा रही है और शीघ्र अनुमोदन की उम्मीद है।
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₹621.26 करोड़ की कार्ययोजना पीडब्ल्यूडी द्वारा तैयार की गई है।
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6 हेक्टेयर क्षेत्र में मुख्य भवन व हॉस्टल और 44 हेक्टेयर में अन्य शैक्षणिक और रिसर्च संरचनाएं होंगी।
क्या-क्या कोर्स चलेंगे?
यहां वानिकी के अलावा निम्न विषयों पर डिग्री और डिप्लोमा कोर्स चलाने की योजना है:
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कृषि वानिकी
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सामाजिक वानिकी
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औद्यानिक वानिकी
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जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय प्रबंधन
शिक्षा और रोजगार में होगा बड़ा योगदान
गोरखपुर पहले से ही चार विश्वविद्यालयों का गढ़ है। यह नया विश्वविद्यालय:
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शोध, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार में क्रांतिकारी भूमिका निभाएगा
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हज़ारों युवाओं को कौशल आधारित शिक्षा और सरकारी-गैर सरकारी नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराएगा
प्रशासन और वन विभाग की तैयारियां
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जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के अनुसार भूमि हस्तांतरण और निर्माण कार्य 3-4 महीने में शुरू होने की उम्मीद है।
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प्रभागीय वनाधिकारी विकास यादव ने जानकारी दी कि अधिनियम का प्रारूप शासन को भेजा जा चुका है।
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