मालेगांव ब्लास्ट केस में फैसला टला, एनआईए कोर्ट ने 31 जुलाई तक मांगा समय

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

मालेगांव 2008 बम धमाका मामले में गुरुवार को फैसला आने की उम्मीद थी, लेकिन एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाने के लिए अब 31 जुलाई 2025 तक का समय मांगा है।

क्या कहा साध्वी प्रज्ञा ने?

पूर्व बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, जो इस मामले की प्रमुख आरोपियों में से एक हैं, ने कहा:

“आज फैसला होना था, ऐसा निश्चित नहीं था। अगली सुनवाई पर फैसला होगा, ये तय है। जज साहब ने कहा कि इसमें एक लाख से ज्यादा पेज हैं। बड़ा केस है, इसमें समय लगता है।”

कोर्ट का रुख

एनआईए स्पेशल कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट से अधिक समय की मांग करते हुए कहा कि केस की फाइलें अत्यंत विस्तृत और जटिल हैं। न्यायाधीश ने कहा कि “किसी के साथ अन्याय न हो” इसके लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।

मालेगांव ब्लास्ट: एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि

  • तारीख: 29 सितंबर 2008, रात 9:35 बजे

  • स्थान: अंजुमन चौक और भीकू चौक के बीच, मालेगांव, महाराष्ट्र

  • हादसा: एक मोटरसाइकिल में विस्फोटक लगाकर धमाका किया गया

  • हादसे में हानि: 6 लोगों की मौत, 101 लोग घायल

  • मुख्य आरोपी: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित सहित अन्य

  • जांच एजेंसी: शुरू में महाराष्ट्र एटीएस, बाद में एनआईए ने संभाला केस

जांच में क्या सामने आया?

  • मोटरसाइकिल जो धमाके में इस्तेमाल हुई, वह साध्वी प्रज्ञा के नाम पर पंजीकृत थी।

  • जांच ने इसके तार गुजरात के सूरत और फिर प्रज्ञा ठाकुर से जोड़े।

  • हेमंत करकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र एटीएस ने शुरुआती जांच की थी।

इस केस को लेकर वर्षों से न्याय प्रक्रिया चल रही है, और इसका राजनीतिक व सामाजिक प्रभाव भी गहरा रहा है। अब सभी की नजरें 31 जुलाई 2025 को संभावित फैसले पर टिकी होंगी।

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