
भारतीय सेना द्वारा 7 मई को पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई एयरस्ट्राइक (ऑपरेशन सिंदूर) की जानकारी गुरुवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक में दी। इस बैठक में शामिल हुए AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी का बयान अब चर्चा में है।
उन्होंने न सिर्फ भारतीय सेना और सरकार की प्रशंसा की, बल्कि सरकार से TRF के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाने और पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी रखी।
ओवैसी की मांगें और बयान:
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“हमारे जो ऑब्जेक्टिव थे, वो पूरे कर लिए गए हैं। हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, न कि रिहायशी इलाकों को।”
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“टीआरएफ जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ भारत को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका के साथ मिलकर इंटरनेशनल कैंपेन चलाना चाहिए।”
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“भारत को पाकिस्तान को फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में डालने की सिफारिश करनी चाहिए।”
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“तुर्की जो खुद कुर्दों पर हमला करता है, उसे भारत पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं।”
टीआरएफ क्या है?
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TRF (The Resistance Front), लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी संगठन है।
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इसकी स्थापना 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद की गई थी।
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22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमले, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे, की जिम्मेदारी TRF ने ली थी।
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TRF को ISI और हाफिज सईद के नेटवर्क से सहायता मिलने के आरोप हैं।
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TRF का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में जनसांख्यिकीय बदलाव को रोकना बताया गया है — जो कि आतंकी नैरेटिव का हिस्सा है।
ओवैसी ने क्या सुझाया?
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आतंकियों के खिलाफ सख्त और सतत कार्रवाई
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TRF को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी संगठन घोषित करवाना
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पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर राजनयिक दबाव में लाना
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FATF, UNSC और अमेरिका को TRF की भूमिका से अवगत कराना
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जहां सरकार की कार्रवाई को विपक्षी नेताओं से समर्थन मिला है, वहीं असदुद्दीन ओवैसी का बयान बताता है कि अब समय आ गया है कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक कूटनीति अपनाए।