माघी पूर्णिमा के बाद तमाम कल्पवासी तीन दिन और स्नान करने के बाद यहां से अपने घरों को करते हैं रवानगी
महाकुंभ नगर । तीर्थराज प्रयाग की रेती पर चल रहे महाकुम्भ स्नान के पांच प्रमुख स्नान समाप्त होने के साथ ही रेती पर विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक धर्मिक व आध्यात्मिक समागम अपनी पूर्णता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। वैसे तो माघ माह के समाप्त होने के साथ ही स्नान की कड़ियां रेती पर खत्म मान ली जाती है किंतु महाकुम्भ होने के कारण आखिरी पर्व महा शिवरात्रि का स्नान माना जा रहा है ।
माघी पूर्णिमा के स्नान के वाद रेती पर एक माह तक कल्पवास करने वाले श्रद्धालु पूजा पाठ व सेजिया दान आदि करके अपने घरों को चले जाते हैं। इसके वावजूद ऐसे कल्पवासियों की संख्या बहुतायत होती है जो माघी पूर्णिमा के स्नान के बाद तीन दिन और स्नान करते हैं, जिसे त्रिजटा स्नान कहा जाता है।
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माना यह जाता है कि जिनका किन्ही कारणों से माघ माह का स्नान पूरा नही हो पाया होता है या फिर किन्ही कारणों से वे मेला छोड़कर पूर्णिमा या दूसरे दिन नही जा पाते वे त्रिजटा स्नान करके ही जाते हैं । त्रिजटा का मतलव ही होता है तीन वेणी व तीन धारा का स्नान । गंगा यमुना और सरस्वती के संगम में केवल तीन नदियों का ही संगमनही होता वल्कि यहां कर्म भक्ति और ज्ञान का भी संगम होता है। श्रद्धा विश्वास और आस्था का भी संगम होता है। इसलिए यहां तीन धारा व तीन वेणी का स्नान महत्व पूर्ण माना जाता है।
यह भी कहा जाता है कि त्रिजटा का स्नान कर लेने से पूरे माह के स्नान का फल मिल जाता है। फिर किन्ही कारणों से यदि कल्पवसियो के स्नान में कोई कमी रह जाती है तो इस स्नान को करने से उसकी पूर्ति हो जाती है। कल्पवासी जो एक माह तक संगम की रेती पर रहकर दो या तीन मीटिंग स्नान ही नही करते वल्कि संयम नियम पूजा पाठ कथा भगवद तप संकल्प के साथ मां गंगा की गोदी में भूमि शयन करते हैं । वे अपने इस संकल्प में किसी प्रकार की कोई कमी नही रहने देना चाहते है।
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यह भी कहा जाता है है यहां आने वाले श्रद्धालु मां गंगा से पूर्णिमा स्नान के तुरंत बाद विदा नही होना चाहते। इसलिये अधिकांश श्रद्धालु पूर्णिमा के स्नान के वाद तीन दिन और स्नान करके पुण्य लाभ अर्जित करते है। गौरतलब है कि गंगा यमुना की रेती पर यद्यपि सभी प्रमुख स्नान अव समाप्त हो चुके है। इसके वाद भी स्नानार्थियों की संख्या में कमी नही हो रही है। लाखों श्रद्धालु भागे चले आ रहे हैं। घाटों पर भीड़ लगी हुई है, लोग आ रहे है स्नान करके वापस हो रहे है। इसके साथ ही देश के तमाम वीआईपी राजनेता सामाजिक कार्यकर्ता फिल्मी हस्तियां आकर संगम में डुबकी लगा कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे है। प्रयागराज का दरवार उनके श्रद्धालुओं से भरा पड़ा है माना यह जा रहा है कि महाशिव रात्रि के स्नान के वाद ही यहां आने वालों की भीड़ में कमी आएगी।