
भारत में मई का महीना जलवायु परिवर्तन और प्री-मानसून गतिविधियों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस बार मौसम विभाग और निजी एजेंसियों के मुताबिक, देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहेगा, लेकिन साथ ही व्यापक प्री-मानसून बारिश, आंधी-तूफान और गरज-चमक की संभावना भी जताई गई है।
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देशभर में सक्रिय हुए कई मौसम तंत्र
मौसम विभाग के अनुसार, देश में इस समय एक साथ कई वायवीय प्रणाली सक्रिय हैं, जिनमें शामिल हैं:
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पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती परिसंचरण – पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और यूपी में तेज हवाएं और बारिश।
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पूर्वोत्तर भारत में चक्रवातीय परिसंचरण – असम, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड में 1 से 8 मई तक तेज बारिश की संभावना।
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दक्षिण भारत में ट्रफ और छोटी प्रणाली – केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश।
हीटवेव का क्षेत्रीय पूर्वानुमान
डॉ. मृत्युंजय महापात्रा, महानिदेशक (IMD), के अनुसार:
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राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल – सामान्य से 1-4 दिन अधिक लू वाले दिन।
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गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, उत्तरी कर्नाटक – सामान्य से ज्यादा तापमान।
उत्तर भारत में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद
IMD के डेटा के अनुसार, उत्तर भारत में मई 2025 में औसत से 109% अधिक वर्षा हो सकती है। इसका प्रमुख कारण लगातार सक्रिय प्री-मानसून सिस्टम और अरब सागर से आ रही नम दक्षिण-पश्चिमी हवाएं हैं।
स्काईमेट का अलर्ट: देश के लगभग हर हिस्से में बारिश
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स्काईमेट वेदर ने बताया है कि प्री-मानसून गतिविधियां गुजरात और राजस्थान जैसे सूखे क्षेत्रों तक पहुंचेंगी।
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7-8 मई के बीच सौराष्ट्र और कच्छ में भी गरज-चमक और आंधी का असर दिख सकता है।
प्री-मानसून और मानसून का गहरा संबंध
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तेज और लगातार प्री-मानसून बारिश से मिट्टी की नमी बढ़ती है और ट्रोपोस्फीयर गर्म होता है, जिससे मानसून मजबूत होता है।
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इस साल मानसून में देरी की संभावना कम है और यह सामान्य से थोड़ा पहले अंडमान सागर में प्रवेश कर सकता है।
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