
भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। इसराइल के भारत में राजदूत रूवेन अज़ार ने इस ऑपरेशन पर खुलकर भारत का समर्थन किया है।
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एक्स (पूर्व ट्विटर) पर उन्होंने लिखा,
“इसराइल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है। आतंकवादियों को यह जान लेना चाहिए कि निर्दोषों के ख़िलाफ़ उनके जघन्य अपराधों से बचने के लिए उनके पास अब कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं है।“
इसराइली राजदूत की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत ने एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन चलाकर पीओके और पाकिस्तान में मौजूद नौ आतंकवादी लॉन्चपैड्स और ठिकानों पर लक्षित हमले किए हैं।
क्या है ‘ऑपरेशन सिंदूर’?
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन भारत की खुफिया और विशेष बलों की संयुक्त कार्यवाही थी, जिसका उद्देश्य आतंकी ढांचे को खत्म करना और सीमा पार से हो रहे हमलों का करारा जवाब देना था।
राजनयिक समर्थन की अहमियत
इसराइल जैसे रणनीतिक सहयोगी देश का समर्थन भारत की कूटनीतिक बढ़त को दर्शाता है। दोनों देशों के बीच रक्षा, तकनीक और सुरक्षा मामलों में गहरा सहयोग है। इसराइल पहले भी भारत के आतंकी विरोधी रुख का समर्थन करता रहा है, और यह बयान उसी सिलसिले को आगे बढ़ाता है।
ऑपरेशन के रणनीतिक मायने
सटीक और गुप्त कार्यवाही: यह ऑपरेशन भारतीय सेना की रणनीतिक दक्षता का परिचायक है।
संदेश स्पष्ट: आतंकियों और उनके संरक्षकों को अब छिपने की जगह नहीं बचेगी।
राजनयिक दबाव: इसराइल जैसे देश का समर्थन पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा सकता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत का यह स्पष्ट संदेश है कि आतंकवाद और उसके संरक्षकों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसराइल का समर्थन इस संदेश को वैश्विक स्तर पर मजबूत करता है।
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