
भारत की गली-गली में पाई जाने वाली एक विलुप्त न होती प्रजाति — चुगलखोर चाचियां! जिन्हें घर के काम से ज़्यादा मोहल्ले की नाक में दम करने में रुचि होती है। इनका मुख्य कार्य होता है, किसकी बहू क्या पहन रही है। कौन-सी बिटिया व्रत कर रही है या करवा चौथ को cheat day बना रही है। और किसने तुलसी के आगे जल दिया या नहीं!
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अब सुनिए — उनसे निपटने के कुछ आज़माए और चमत्कारी नुस्खे।
1. CCTV उधर मोड़ दीजिए — खुद की ही जासूसी में उलझ जाएंगी!
जब तक वो आपकी बहू की चप्पलें गिनेंगी, आप उनका 360° कैमरा मूवमेंट इंस्टाग्राम पर डालिए। कैप्शन दें: “हमारी सुरक्षा भगवान और CCTV दोनों से है।”
2. फेसबुक पर उनकी बिटिया के ‘बॉलीवुड से भी ज्यादा बोल्ड’ पोस्ट डालिए
जैसे ही वो आपकी बेटी की साड़ी की लंबाई पर टिपण्णी करें — “दीदी आपकी परी ने आज मेटावर्स में क्या डाला है, जरा देख लीजिए”
3. ‘बहू अभी पाठ कर रही है’ बोलिए – चाहे Netflix पर रामायण ही क्यों न चल रही हो!
संस्कारों का illusion बनाए रखें, ताकि चाचियां खुद ही उलझ जाएं “आज वो भावना पर्व पर ध्यान कर रही है – आंख बंद और कान खुले।”
4. गेट पर बोर्ड टांगिए: ‘यहां चुगली टैक्स लागू है – पहले पेटीएम करिए’
उन्हें पता चले कि अब चुगली मुफ्त में नहीं चलेगी, और जो बोलेंगी वो रिकॉर्ड भी हो सकता है! Bonus लाइन – “निंदा की कीमत अब नकद में चुकानी पड़ेगी।”
5. हर बात पर बोलिए: ‘हमें तो आपकी बिटिया बहुत संस्कारी लगती है’
उल्टा तीर मारिए — जब वे दूसरों की बहू-बेटियों को टारगेट करें, तो खुद की बेटी की महानता पर अति-संवेदनशील हो जाएंगी।
6. बाहर से ग्लैमरस नौकरानी रखिए – असली चिंता वहीं टिकेगी
जब ध्यान आपसे हटकर “ये लड़की कौन है जो कढ़ी इतनी ठीक बनाती है?” पर जाए, तो समझिए गेम जीत गए!
7. “दीदी आप ही बताइए, आपकी बहू के संस्कार किसका चमत्कार हैं?”
सीधा कटाक्ष! सवाल पूछिए, कॉमन सेंस नहीं कॉमन टेंशन बनाइए। जब जवाब न मिले तो वे खुद कहें – “अब हमसे तो मत पूछो, सब लोग बिगड़ गए हैं!”
Bonus Punch
“जो अपनी बहू से ‘मम्मी’ सुनने को तरस रही हो, वो मोहल्ले भर की बहुओं को संस्कार सिखा रही है।”
चुगलखोर चाचियां न बदली हैं, न बदलेंगी। पर आप ज़रूर खुद को बदलिए – मसाले के साथ मसालेदार जवाब दीजिए। कभी मीठा व्यंग्य, कभी कड़वा कटाक्ष और कभी ‘साइलेंट स्माइली स्लैप’!
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