
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अब देश के अंदर छुपे ‘डिजिटल समर्थकों’ पर भी कार्रवाई शुरू हो गई है। भारत सरकार और राज्य प्रशासन अब ऐसे हर उस व्यक्ति पर नज़र रख रहे हैं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान का पक्ष सोशल मीडिया पर ले रहा है।
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असम में सबसे बड़ी कार्रवाई, विपक्षी विधायक भी चपेट में
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को एक्स पर जानकारी दी कि अब तक 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें AIUDF के विधायक अमीनुल इस्लाम भी शामिल हैं।
सीएम ने लिखा:
“असम ऐसे किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करेगा जो पहलगाम में हुए जघन्य हमले के सिलसिले में पाकिस्तान का समर्थन या बचाव करता है।”
गिरफ्तार हुए लोग
नाम | स्थान | पेशा/पहचान |
---|---|---|
मोहम्मद जाबिर हुसैन | हैलाकांडी | पत्रकार |
मोहम्मद ए.के. बहाउद्दीन | सिलचर | कंप्यूटर साइंस छात्र |
मोहम्मद जावेद मजूमदार | सिलचर | वकील |
मोहम्मद महाहर मिया | मोरीगांव | सामान्य नागरिक |
मोहम्मद मुजीहिरुल इस्लाम | मोरीगांव | सामान्य नागरिक |
मोहम्मद अमीनुल इस्लाम | नागांव | AIUDF विधायक |
मोहम्मद साहिल अली | शिवसागर | सामान्य नागरिक |
मोहम्मद जरीफ अली | (स्थान नहीं बताया) | 25 वर्ष |
अनिल बनिया | (स्थान नहीं बताया) | छात्र नेता, सत्र मुक्ति संग्राम परिषद |
मेघालय और त्रिपुरा में भी कार्रवाई:
मेघालय: 1 व्यक्ति को हिरासत में लिया गया।
त्रिपुरा: 2 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
इन लोगों ने पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट किए थे जो सीधे या घुमाकर पाकिस्तान के पक्ष में माने जा सकते हैं।
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सरकार का सख्त संदेश:
साफ है कि सरकार अब सिर्फ बॉर्डर पार के आतंकियों से नहीं, घर के अंदर बैठे समर्थकों से भी सख्ती से निपट रही है।
इस कार्रवाई का मकसद सिर्फ सजा देना नहीं, बल्कि एक मजबूत संदेश देना है — “देश के खिलाफ बोलोगे, तो कानून पीछे पड़ेगा।”
जहां एक ओर आतंकवाद से निपटने के लिए सीमाओं पर सेना अलर्ट है, वहीं अब ‘सोशल मीडिया के फ्रंट’ पर भी सुरक्षा एजेंसियों ने मोर्चा खोल दिया है। डिजिटल सपोर्ट भी अब देशद्रोह के दायरे में आ रहा है। आने वाले दिनों में और कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है।