
टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता और भारत के गौरव नीरज चोपड़ा ने आख़िरकार अपनी चुप्पी तोड़ी है। ‘नीरज चोपड़ा क्लासिक’ नामक एक अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स आयोजन को लेकर सोशल मीडिया पर उठे विवाद के बाद, उन्होंने 25 अप्रैल को सोशल मीडिया पर एक लंबी और भावुक पोस्ट साझा की।
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मुद्दा क्या था?
इस आयोजन में पाकिस्तान के जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम को भी निमंत्रण भेजा गया था। लेकिन 21 अप्रैल को भेजे गए इस निमंत्रण के दो दिन बाद, यानी 23 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने माहौल को पूरी तरह बदल दिया।
हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई और पूरा देश शोक और गुस्से में डूब गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर नीरज चोपड़ा की आलोचना शुरू हो गई, कुछ लोगों ने उनके देशभक्ति पर सवाल उठाए, और परिवार को भी ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा।
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नीरज ने अपनी पोस्ट में लिखा:
“मैं कम बोलने वाला आदमी हूं, इसका मतलब ये नहीं कि जो ग़लत है मैं उसके ख़िलाफ़ नहीं बोलूंगा… ख़ासकर तब जब सवाल देश के प्रति मेरे प्यार और परिवार के सम्मान पर उठाए जा रहे हों।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि अरशद नदीम को भेजा गया निमंत्रण एक खिलाड़ी द्वारा दूसरे खिलाड़ी को भेजा गया आमंत्रण था, जिसका मकसद सिर्फ खेल के स्तर को ऊंचा उठाना था।
“अब अरशद के आने का सवाल ही नहीं उठता”
नीरज ने यह भी साफ किया कि:
“पहलगाम पर हुए आतंकवादी हमले से दो दिन पहले ही निमंत्रण भेजा गया था। बीते 48 घंटों में जो कुछ हुआ है, उसके बाद अरशद का नीरज चोपड़ा क्लासिक में होने का सवाल ही नहीं उठता। मेरा देश और देशहित सबसे पहले है।”
नीरज चोपड़ा ने इस बात पर दुख जताया कि सोशल मीडिया पर उनके परिवार तक को नहीं बख़्शा गया। उन्होंने लिखा:
“मेरी मां की एक साल पुरानी मासूम सी बात, जिसे तब लोगों ने सराहा था, आज उसी को लेकर वही लोग हमला कर रहे हैं। क्या सोच इतनी आसानी से बदल जाती है?”
देशभक्ति पर संदेह क्यों?
नीरज ने याद दिलाया कि:
“मैंने कई सालों से फ़ख़्र के साथ अपने देश का नाम किया है। अब अपनी निष्ठा पर उठते सवालों से मैं दुखी हूं। मुझे पीड़ा हो रही है कि मुझे सफ़ाई देनी पड़ रही है, जबकि मेरा रिकॉर्ड सबके सामने है।”
नीरज चोपड़ा क्लासिक का उद्देश्य
भारत में विश्वस्तरीय एथलेटिक आयोजन कराना।
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को भारत बुलाकर खेल का स्तर बढ़ाना।
भारतीय युवाओं को प्रेरणा देना।
लेकिन अब अरशद नदीम का नाम हटाया जा चुका है, और नीरज ने साफ कर दिया कि देश के भावनात्मक और सामरिक हालात को प्राथमिकता दी गई है।
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नीरज चोपड़ा का बयान सिर्फ एक व्यक्तिगत सफाई नहीं, बल्कि आज के भारत में ट्रोलिंग, देशभक्ति की राजनीति और खेल के बहाने फैलाई जा रही नफरत के खिलाफ एक शालीन और सशक्त जवाब है। उन्होंने फिर दिखा दिया – कंधे पर भाला हो या सोशल मीडिया का बोझ, वो झुकते नहीं।