
देश अभी पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के गहरे शोक में डूबा है। इस हमले ने देशवासियों के दिलों पर गहरी चोट छोड़ी है। लेकिन इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक ऐसा पोस्ट किया, जिसने लोगों का ध्यान ग़म से हटाकर कारों की बिक्री तक पहुंचा दिया।
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जयराम रमेश ने लिखा:
“पूरा देश अभी भी गहरे शोक और सदमे में डूबा हुआ है। पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ बर्बर आतंकी हमला हमारे दिलों पर गहरी चोट छोड़ गया है।”
इसी शोक संदेश के बीच उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए कारों की गिरती बिक्री का मुद्दा उठा दिया।
जयराम रमेश ने आगे दावा किया:
भारत में अब कारों की खरीदारी मुख्यतः ऊपरी 12% परिवारों तक सीमित रह गई है, जिनकी वार्षिक आय 12 लाख रुपये से अधिक है।
छोटी कारों की बिक्री में लगभग 9% की गिरावट दर्ज की गई है।
2023-24 और 2024-25 के बीच यात्री वाहनों की कुल बिक्री वृद्धि सिर्फ 2% रही है।
आगामी वर्ष में भी वृद्धि दर मात्र 1-2% रहने का अनुमान है।
इसकी जड़ है — देश के अधिकांश लोगों की स्थिर या रुकी हुई वास्तविक आय।
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पहलगाम हमले जैसी त्रासदी पर एकजुटता और संवेदनशीलता की उम्मीद की जाती है। लेकिन कांग्रेस नेता के बयान ने यह सवाल छोड़ दिया है कि —“क्या ग़म के मौके पर भी कारों का हिसाब जरूरी था?” शायद कभी-कभी राजनीति में संवेदना और अवसर का संतुलन साधना भी एक कला होती है।